नईदिल्ली। कांग्रेस को अगर चुनाव में जीत नहीं मिलेगी तो वह दूसरी पार्टियों की मदद से सरकार बनाने की बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बारे में साफ-साफ संकेत दे दिए हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद राहुल पार्टी संगठन के ढांचे में आमूचूल बदलाव लाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि राहुल कई कारणों से समर्थन वाली सरकार के पक्ष में नहीं हैं। एक वजह तो यह है कि पूर्व में इस तरह की सरकारें सफल नहीं रही हैं। हमेशा सरकार गिरने का डर बना रहता है। गौरतलब है कि इससे पहले कई कांग्रेसी मंत्रियों ने ऐसे संकेत दिए थे कि अगर यूपीए को बहुमत नहीं मिलता है तो कांग्रेस थर्ड फं्रट को समर्थन दे सकती है। सलमान खुर्शीद ने इस बारे में बयान दिया था, पर बाद में उमका खंडन कर दिया था। माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस ऐसा कर सकती है। कांग्रेस पहले भी ऐसा कर चुकी है। लेकिन कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं के बयान से राहुल सहित पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खुद नहीं था।
वारााणसी में भाजपा झोंकेगी पूरी ताकत: उधर, इस लोकसभा चुनाव में कांगे्रस को कितनी सीटें, इसे लेकर पार्टी में एकमत नहीं है। कुछ नेता जहां इसे सबसे मुश्किल चुनाव मान रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि पार्टी का प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित होगा।
राहुल लाएंगे कांग्रेस में बदलाव
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने यह भी साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी के संगठनिक ढांचे में आमूलचूल बदलाव लाया जाएगा। एक सूत्र ने कहा, राहुल गांधी की प्राथमिकता पार्टी संगठन में बदलाव का मतलब यह हो सकता है कि राहुल गांधी संगठन से जुड़ा कामकाज एक नई टीम को सौंप दें। यह टीम युवा नेताओं की हो सकती है।
कांग्रेस को कम सीटें मिलने का है डर: कांग्रेस के नेता इस बात पर भी एकमत नहीं है कि इस लोकसभा चुनाव में उन्हें कितनी सीटें मिलेंगी। वहीं, कुछ नेताओं का मानना है कि यह चुनाव पार्टी के लिए काफी मुश्किल भरा है, वहीं कुछ इस तरह की आशंका भी जता रहे हैं कि पार्टी 100 सीटों तक भी नहीं पहुंच पाएगी। हालांकि, एक धड़ा ऐसा भी है जो उम्मीद से भरा हुआ है। इसका मानना है कि कांग्रेस कम से कम 140 सीटें जीतेगी। कांग्रेस के अंदर भले ही डर है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर वह यही कह रही है कि यूपीए-3 की सरकार बनेगी और थर्ड फ्रंट को समर्थन देने की नौबत नहीं आएगी। हालांकि, चुनावी नतीजे आने के बाद पार्टी की क्या रणनीति होगी, इस पर भी अंदरूनी तौर पर विचार-विमर्श हो रहा है। एक नेता ने कहा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हमें कितनी सीटें मिलती हैं। कांगे्रस के एक धड़े के अंदर भले ही हार का डर सता रहा हो, लेकिन एक धड़ा ऐसा भी है जो जीत को लेकर आश्वस्त है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद सरकार कांग्रेस की ही बनेगी।