सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में गुरुवार को मची भगदड़ में 717 लोगों की मौत हो गई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने 14 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि की है। गंभीर रूप से घायल 13 भारतीयों के नाम की लिस्ट भी जारी की गई है। सऊदी सिविल डिफेंस डायरेक्टोरेट ने बताया कि करीब 863 लोग घायल हुए हैं। पिछले दो दशक में हज यात्रा के दौरान होने वाला यह सबसे भयानक हादसा है।
घायलों के नाम
नाम | कवर नं./पासपोर्ट नं. | राज्य | हज कमेटी ऑफ इंडिया/प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स | हॉस्पिटल | |
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1. | रलियाथ पक्कियोदा | LDF-164-3-0 | लक्ष द्वीप | हज कमेटी ऑफ इंडिया | अल जसर |
2. | अब्दुल कयूम | WBF-2930-5-0 | पश्चिम बंगाल | हज कमेटी ऑफ इंडिया | अल जदीद |
3. | जहांनूर बेगम | ASF-271-5-0 | असम | हज कमेटी ऑफ इंडिया | अल जदीद |
4. | शेख शाहिदा बेगम महमूद | MA4519109 | महाराष्ट्र | प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स | शेशा मक्का |
5. | सारा बेगम | JKR-2585-2-0 | जम्मू-कश्मीर | हज कमेटी ऑफ इंडिया | शेशा मक्का |
6. | ग़ुलाम अहमद शेरगुजरी | JKR-2532-2-0 | जम्मू-कश्मीर | हज कमेटी ऑफ इंडिया | शेशा मक्का |
7. | राएछा बेगम | WBF-3055-5-0 | पश्चिम बंगाल | हज कमेटी ऑफ इंडिया | शेशा मक्का |
8. | अट्टारी हतीम | L7628897 | राजस्थान | प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स | मीना डिस्पेंसरी |
9. | मंजुरहुसैन हबीबुल्लाह शेख | GJR-1011-2-0 | गुजरात | हज कमेटी ऑफ इंडिया | मीना आर्म्ड फोर्स |
10. | मोहम्मद फजेजुल | BRF-1963-5-0 | बिहार | हज कमेटी ऑफ इंडिया | मीना आर्म्ड फोर्स |
11. | मोहम्मद अब्दुल हामिद | ORR-67-2-0 | उड़ीसा | हज कमेटी ऑफ इंडिया | मीना आर्म्ड फोर्स |
12. | अयीसोमा मरियादन | KLR-9384-2-0 | केरल | हज कमेटी ऑफ इंडिया | हेरा हॉस्पिटल, मक्का |
13. | हैदर अली | UPF-23632-2-0 | उत्तर प्रदेश | हज कमेटी ऑफ इंडिया | किंग अब्दुल्ला हॉस्पिटल, मक्का |
कैसे मची भगदड़?
– अल जजीरा चैनल और न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हादसा मीना के 204 स्ट्रीट के जमारात ब्रिज पर करीब 10.00 बजे (लोकल टाइम) हुआ।
– जमारात ब्रिज 5 मंजिला इमारत है जिसके अंदर से रास्ता से गुजरता है। यहां 3 लाख लोगों के कुछ देर ठहरने के इंतजाम हैं।
– इस ब्रिज के पास हज की एक रस्म होती है। हादसे के वक्त ब्रिज के एंट्री गेट से लेकर एक किलोमीटर दूर तक हाजियों की भीड़ थी।
– जमारात ब्रिज के एंट्री प्वाइंट पर हाजियों का एक ग्रुप बैठा हुआ था। इसी बीच दूसरा ग्रुप वहां पहुंचा।
– धक्का-मुक्की की वजह से दूसरे ग्रुप के कुछ हाजी पहले से बैठे लोगों पर चढ़ गए। इसके बाद भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और कुछ ही मिनट में वहां लाशें ही लाशें बिछ गईं।
– जमारात ब्रिज 5 मंजिला इमारत है जिसके अंदर से रास्ता से गुजरता है। यहां 3 लाख लोगों के कुछ देर ठहरने के इंतजाम हैं।
– इस ब्रिज के पास हज की एक रस्म होती है। हादसे के वक्त ब्रिज के एंट्री गेट से लेकर एक किलोमीटर दूर तक हाजियों की भीड़ थी।
– जमारात ब्रिज के एंट्री प्वाइंट पर हाजियों का एक ग्रुप बैठा हुआ था। इसी बीच दूसरा ग्रुप वहां पहुंचा।
– धक्का-मुक्की की वजह से दूसरे ग्रुप के कुछ हाजी पहले से बैठे लोगों पर चढ़ गए। इसके बाद भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और कुछ ही मिनट में वहां लाशें ही लाशें बिछ गईं।
भारतीयों के लिए ये बनाए हैं हेल्पलाइन नंबर
* Helpline nos: 00966125458000, 00966125496000
* Helpline nos: 00966125458000, 00966125496000
पहले भी हो चुका है हादसा
2006 में 12 जनवरी को भी शैतान को पत्थर मारने की घटना के दौरान भगदड़ मची थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि मक्का के बाहरी इलाके मीना में शैतान को पत्थर मारने का रिवाज है। इस दौरान हज यात्री सात पत्थर तीन बार शैतान को मारते हैं।
2006 में 12 जनवरी को भी शैतान को पत्थर मारने की घटना के दौरान भगदड़ मची थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि मक्का के बाहरी इलाके मीना में शैतान को पत्थर मारने का रिवाज है। इस दौरान हज यात्री सात पत्थर तीन बार शैतान को मारते हैं।
क्यों मारा जाता है पत्थर?
मक्का में पत्थर मारना शैतान के विरोध का प्रतीक है। शैतान का प्रतीक तीन विशाल खंभों के रूप में मौजूद है। यहां हज यात्री कंकड़ इकट्ठा करते हैं और उन्हें खंभों पर मारते हैं।
मक्का में पत्थर मारना शैतान के विरोध का प्रतीक है। शैतान का प्रतीक तीन विशाल खंभों के रूप में मौजूद है। यहां हज यात्री कंकड़ इकट्ठा करते हैं और उन्हें खंभों पर मारते हैं।