Saturday, October 18

असहनीय दर्द के साथ पढ़ाने वालीं शिक्षिका ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, छह बच्चों को दान कर दीं सारी संपत्ति

मध्य प्रदेश। इंदौर निवासी लकवाग्रस्त शिक्षिका चंद्रकांता जेठवानी पिछले कई दिनों से असहनीय दर्द से जूझ रही  थी। जिसके चलते उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। अपनी सारी संपत्ति छह गरीब बच्चों को दान कर दी हैं। एक 52 वर्षीय सरकारी स्कूल की शिक्षिका, चंद्रकांता जेठवानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इच्छामृत्यु की अनुमति के लिए पत्र लिखा है। वह सालों से लकवा ग्रस्त हैं। इसकी वजह से उन्हें असहनीय दर्द होता है। इसके बावजूद व्हीलचेयर बैठकर वह बच्चों को स्कूल में आकर पढ़ाती हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति बच्चों को दान कर दी है। अब अपना अंग भी दान करना चाहती हैं।

सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ाती हैं जेठवानी

वहीं, जबरान कॉलोनी के सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ाने वाली जेठवानी व्हीलचेयर पर बैठकर पढ़ाती हैं। उन्हें हर दिन लगभग 8 घंटे बहुत तकलीफ होती है। उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है ताकि उनके शरीर के अंगों को किसी और को दान किया जा सके, जिससे उसे नया जीवन मिल सके। 2020 में एक गलत इलाज के कारण उनके शरीर के निचले हिस्से में लकवा मार गया था।

राष्ट्रपति को लिखा है पत्र

चंद्रकांता जेठवानी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि मैं आत्महत्या नहीं करूंगी क्योंकि मैं अपने छात्रों को साहस के साथ जीना सिखाती हूं। लेकिन मेरा शरीर अब मेरा साथ नहीं दे रहा है। मैं हर दिन असहनीय दर्द से गुजरती हूं। मैं इच्छामृत्यु चाहती हूं ताकि मेरे शरीर के अंगों को किसी और को दान किया जा सके, जिसे एक नया जीवन मिल सके।

छह गरीब बच्चों को दान कर दीं सारी संपत्ति

जेठवानी ने उदारता दिखाते हुए अपनी सारी संपत्ति स्कूल के छह गरीब बच्चों को दान कर दी है। इसके अलावा, उन्होंने अपने अंगों को एमजीएम मेडिकल कॉलेज को दान करने का वादा किया है। वे चाहती हैं कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनके अंग किसी के जीवन में रोशनी लाएं। चंद्रकाता जेठवानी की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने मुश्किल हालातों में भी हार नहीं मानी। उन्होंने अपने छात्रों को पढ़ाना जारी रखा और समाज के लिए एक मिसाल कायम की। उन्होंने यह भी दिखाया कि मृत्यु के बाद भी हम दूसरों की मदद कर सकते हैं। उनका अंगदान का फैसला दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। वे शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए इच्छामृत्यु की गुहार लगा रही हैं, ताकि उनके अंग किसी जरूरतमंद के काम आ सकें।