राष्ट्रीय। देशभर में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 3,558 फर्जी कंपनियों ने सरकार को 15,851 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया। यह खुलासा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में जीएसटी अधिकारियों द्वारा की गई जांच में हुआ। इन कंपनियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों के जरिए यह घोटाला किया।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा?
जीएसटी प्रणाली में कंपनियां कच्चे माल की खरीद पर चुकाए गए टैक्स को ITC के रूप में क्लेम कर सकती हैं। फर्जी कंपनियों ने इस प्रावधान का दुरुपयोग करते हुए बिना वास्तविक लेन-देन के फर्जी बिल बनाए और ITC के जरिए हजारों करोड़ रुपये का रिफंड हासिल किया। अधिकारियों के अनुसार, यह घोटाला पिछले साल की तुलना में 29% अधिक है, जब पहली तिमाही में 3,840 कंपनियों ने 12,304 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया था।
क्या कार्रवाई हुई?
अधिकारियों का कहना है कि फर्जी कंपनियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी काम बाकी है। जीएसटी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, जैसे कि मई-जून 2023 में शुरू किया गया अभियान, जिसमें 16 राज्यों में 30,000 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था।