
गांव में आपके घर, भूखण्ड, बाड़े आदि का कोई कानूनी दस्तावेज आपके पास नहीं है तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपकी यह चिंता जल्द दूर होने वाली है। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत जिले के 1891 राजस्व गांवों का सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन सर्वे और जियो मैपिंग का कार्य पूरा हो चुका है और जिले के 2 गांवों में सर्वे व मैपिंग का कार्य प्रगति पर है। कार्य पूरा होने पर ग्रामीणों को आवासीय मकान, भूखण्ड आदि का कानूनी रूप से मालिकाना हक मिल सकेगा। इसमें जिले के 14 ब्लॉक के राजस्व गांव शामिल हैं। कुछ जगह अधिकार पत्र वितरित भी किए गए हैं।
यह है स्वामित्व योजना
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों का कानूनी अधिकार पत्र, पट्टा प्रदान करना है। इस योजना के तहत ड्रोन सर्वेक्षण और जियो-मैपिंग तकनीक से ग्राम स्तर पर हर संपत्ति को चिह्नित किया जाता है।
यह है योजना के फायदे
- बैंक से ऋण लेना आसान हो जाएगा।
- गांव के आबादी वाले क्षेत्र के सभी भूखंडों का डिजिटल नक्शा तैयार होगा।
- गांव में प्रत्येक संपत्ति के सटीक क्षेत्रफल पर संपत्ति कार्ड बनाया जाएगा।
- भूमि अभिलेखों का सटीक निर्धारण किया जा सकेगा।
- गांव के घरेलू मालिक को कानूनी व दस्तावेजी मालिकाना हक मिल सकेगा।
- ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभ के लिए भी अधिकार पत्र मददगार बनेंगे।
- संपत्ति विवाद और कानूनी मामलों में कमी आएगी।
- संपत्ति कर का निर्धारण भी आसानी से किया जा सकेगा।
फैक्ट फाइल
- जिले में 1891 राजस्व गांव
- जिले के 1889 राजस्व गांवों में ड्रोन सर्वे और जियो मैपिंग का कार्य पूरा
- 02 राजस्व गांवों में ड्रोन सर्वे व जियो मैपिंग का कार्य जारी
मिलेगा अधिकार
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत जिले के 1891 राजस्व गांवों का सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन सर्वे और जियो मैपिंग का कार्य किया जाएगा। अब तक 1889 राजस्व गांवों का ड्रोन सर्वे व जियो मैपिंग का कार्य पूरा हो गया है। जिले के 2 गांवों में ड्रोन से सर्वे व मैपिंग का कार्य चल रहा है। सर्वे होने के बाद ग्रामीणों को आवासीय मकान, भूखण्ड आदि का कानूनी रूप से मालिकाना अधिकार मिल सकेगा।
– चंद्रभानसिंह भाटी, सीईओ, जिला परिषद भीलवाड़ा