
की राजधानी, जहां इतिहास, संस्कृति और राजनीति की अनगिनत परतें बसी हैं, वहां बीती रात कुछ ऐसा हुआ जिसने लोगों को एक साथ चौंकाया भी और मुस्कुराने पर मजबूर भी कर दिया। गुरुवार रात करीब 9 बजे के आसपास शहर के कई हिस्सों में अचानक बिजली गुल हो गई। पहले तो लोगों ने इसे सामान्य बिजली कटौती समझा, लेकिन जल्द ही सोशल मीडिया पर अफवाहों और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
जैसे-जैसे समय बीतता गया, लोगों के बीच बेचैनी बढ़ने लगी। कुछ ने सोचा कि ये तकनीकी खराबी है, तो कुछ ने साइबर हमले की आशंका जताई। लेकिन करीब 10 बजे के आसपास सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह एक सुरक्षा मॉक ड्रिल का हिस्सा था। दरअसल, गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण , राज्य आपदा प्रबंधन बल , पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य एजेंसियों के संयुक्त सहयोग से एक गुप्त मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी।
इस मॉक ड्रिल का मकसद था किसी बड़े आपदा या आतंकी हमले की स्थिति में सरकारी एजेंसियों की तैयारियों का मूल्यांकन करना। इसी के चलते शहर के कुछ हिस्सों में बिजली बंद की गई थी ताकि अभ्यास यथासंभव वास्तविक लग सके।
करीब 11 बजे के बाद जैसे ही लोग अपने घरों की खिड़कियों से बाहर झांक रहे थे, आसमान में काले बादल गरजने लगे। इसके तुरंत बाद बूंदाबांदी शुरू हुई जो धीरे-धीरे मूसलाधार बारिश में बदल गई। जहां एक तरफ ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल ने तनाव का माहौल बना दिया था, वहीं बारिश ने उसे पूरी तरह से धोकर एक रूमानी, ताजगी भरे पल में बदल दिया।
शहर के हजरतगंज, गोमती नगर, आलमबाग, अलीगंज, इंदिरा नगर, चौक और ट्रांसगोमती इलाकों में झमाझम बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई और उमस से परेशान लोगों को राहत मिली।
बारिश के साथ ही लोगों के चेहरे खिल उठे। कई युवा सड़कों पर निकल आए, कुछ ने बारिश में नाचना शुरू कर दिया तो कई कैफे और चाय की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई। लखनऊ के मशहूर टुंडे कबाबी और रिहान टी स्टाल पर चाय-समोसे की डिमांड अचानक बढ़ गई। कई परिवारों ने घर की छतों पर बैठकर गर्म चाय और पकौड़े का आनंद लिया।
रात लगभग 12 बजे से ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ट्रेंड करने लगा। लोगों ने बारिश की तस्वीरें और वीडियो साझा किए। ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल को लेकर मीम्स भी वायरल होने लगे, लेकिन ज्यादातर लोगों ने इस पूरे अनुभव को सकारात्मक रूप में लिया।
इस पूरी घटना को अगर एक नजर में देखा जाए तो यह एक अनोखा संयोग बन गया – प्रशासनिक तैयारी, सुरक्षा को लेकर सजगता, और कुदरत की मेहरबानी। यह रात लखनऊ के लिए सिर्फ एक रूटीन डे नहीं रही, बल्कि लोगों की यादों में बस जाने वाली एक खास रात बन गई।
सुबह होते ही जिला प्रशासन की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि “यह मॉक ड्रिल पूरी तरह सफल रही और सभी एजेंसियों ने तालमेल से कार्य किया। नागरिकों को हुई असुविधा के लिए खेद है, लेकिन ऐसी तैयारियां भविष्य की सुरक्षा के लिए ज़रूरी हैं।”