
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 7 मई 2025 को देशभर में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों, जैसे हवाई हमले या आतंकी हमले, के लिए तैयार करना और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना था।
में यह मॉक ड्रिल पुलिस लाइंस में आयोजित की गई, जहां सायरन बजते ही लोग ज़मीन पर लेट गए और अपने कानों को हाथों से बंद कर लिया। इस दौरान नागरिकों को बताया गया कि गोलीबारी या हमले की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी है। साथ ही घायल नागरिकों को अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया की भी प्रशिक्षण दी गई।
के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनता को सतर्क और प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में इस तरह की मॉक ड्रिल पिछली बार 1971 में की गई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। उस समय भी नागरिक सुरक्षा के लिहाज से बड़े पैमाने पर अभ्यास किए गए थे।
इस मौके पर मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की जनता चाहती है कि आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। गृह मंत्रालय इस तरह की ड्रिल के जरिए नागरिकों को सचेत करने का प्रयास कर रहा है ताकि वे घबराएं नहीं।” वहीं मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार हर कदम पर देश हित और राष्ट्रहित में काम कर रही है। आतंकवादियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।” युद्ध की स्थिति से निपटने के इस तरह के व्यावहारिक अभ्यास से आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी और आपातकालीन स्थितियों में वे खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम हो सकेंगे।