
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। हालात युद्ध जैसे बनते दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान में बसे आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई जल्द ही शुरू कर सकता है, इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से भी सैन्य कार्रवाई करने की आशंका जताई जा रही है।
युद्ध के संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में नागरिक सुरक्षा के लिए विशेष तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई (बुधवार) को मॉक ड्रिल आयोजित करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान युद्ध जैसे हालात में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट कैसे करना है, सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचना है, और इमारतों के नीचे कैसे एकत्रित होना है, इसकी प्रशिक्षणात्मक जानकारी दी जाएगी।
केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक मॉक ड्रिल के लिए महाराष्ट्र सरकार भी अलर्ट मोड पर है। राज्य प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मंत्रियों और जिलाधिकारियों को प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए कहा गया हैं।
राज्य सरकार ने उन 16 स्थानों की सूची भी जारी कर दी है जहां 7 मई को मॉक ड्रिल किया जाएगा, जिसमें- मुंबई, ठाणे, पुणे, उरण-जेएनपीटी, तारापुर, नासिक, थल-वायशेत (अलीबाग), रोहा-धाटाव-नागोथाने, मनमाड, सिन्नर, पिंपरी-चिंचवड, छत्रपति संभाजीनगर, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग
यह पहला मौका नहीं है जब युद्ध को लेकर महाराष्ट्र में इस तरह का अभ्यास हो रहा है। 1971 में भारत-पाक जंग से पहले भी राज्यभर में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। उस समय भी शहरों में सायरन बजाए गए थे, ब्लैकआउट का अभ्यास कराया गया था और लोगों को सुरक्षित रहने के निर्देश दिए जाते थे।
हालांकि सरकार का यह कदम नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में सूझबूझ और जिम्मेदारी के साथ प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अभ्यास जागरूकता बढ़ाने के लिए है और युद्ध जैसे हालात में जीवन रक्षक साबित हो सकता हैं। इसलिए नागरिकों से अपील की जाती है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर भरोसा न करें और घबराएं नहीं। सरकार तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करें।