
गर्मी से बेहाल राजधानीवासियों के लिए शुक्रवार की सुबह उम्मीद की नई किरण लेकर आई। सुबह से ही तेज हवाओं ने मौसम को ऐसा रुख दिया कि चिलचिलाती धूप की बजाय बादल और ठंडी बयार ने पूरे दिन का मिजाज ही बदल दिया। दोपहर में अचानक चली तेज आंधी ने जैसे गर्मी के असर को पूरी तरह से धो डाला। नतीजा यह हुआ कि लखनऊ का अधिकतम तापमान गिरकर 34.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो सामान्य से 5.2 डिग्री कम रहा।
यह गिरावट केवल तापमान में नहीं, बल्कि लोगों के चेहरों पर दिखने वाली परेशानी में भी दर्ज की गई। पसीने से तर-बतर हो रहे लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं। बाजारों में रौनक बढ़ी है, और शाम के समय पार्कों में टहलने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस परिवर्तन के पीछे मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ है, जिसका असर उत्तर भारत के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से लगातार चल रही हवाओं और बादलों की उपस्थिति के चलते लखनऊ समेत पूर्वांचल के कई जनपदों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। डॉ. सिंह के अनुसार अगले दो दिनों तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। दिन में तेज हवाएं चलेंगी, बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी की संभावना भी है। ऐसे में लोगों को गर्मी से अभी कुछ और दिनों तक राहत मिल सकती है।
लखनऊ में बीते सप्ताह तक पारा 40 डिग्री के पार पहुंच चुका था। लोग दोपहर के समय बाहर निकलने से कतराते थे। धूप की तपिश और सड़कों की तपन ने जनजीवन प्रभावित कर दिया था। लेकिन शुक्रवार को मौसम में आए बदलाव ने सब कुछ बदल कर रख दिया। न केवल दिन में तापमान में गिरावट आई, बल्कि रातें भी अब सुकून भरी होने लगी हैं।
मौसम के बदलते ही शहर के बाजारों में भी रौनक लौट आई है। विशेष रूप से पुराने लखनऊ, अमीनाबाद, हजरतगंज और गोमतीनगर जैसे इलाकों में शाम के समय भीड़ उमड़ रही है। व्यापारियों का कहना है कि गर्मी कम होने से लोग अब आराम से खरीदारी के लिए बाहर निकल रहे हैं।
हालांकि मौसम सुहाना हो गया है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। अचानक तापमान में गिरावट से सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
लखनऊ में मौसम का यह बदलाव पर्यटकों के लिए भी एक सुनहरा अवसर लेकर आया है। गर्मी की मार के चलते जो लोग यात्रा टाल रहे थे, वे अब राजधानी की ऐतिहासिक इमारतों और हेरिटेज साइट्स की सैर करने के लिए निकल पड़े हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की हवाएं और हल्की बारिश खेतों के लिए फायदेमंद हो सकती है। विशेष रूप से सब्जियों और दलहनों की फसलों को इससे राहत मिलेगी। खेतों में नमी बनी रहेगी और किसानों को सिंचाई पर कम खर्च करना पड़ेगा।
- अगले 48 घंटे तक लखनऊ समेत आसपास के इलाकों में बादल छाए रहेंगे।
- कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
- हवाएं 25-35 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं।
- तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा।