Saturday, October 18

राजस्थान के ओरण वन क्षेत्र होंगे संरक्षित, हाईकोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी को की मंजूरी

राज्य सरकार ने देवी-देवताओं के नाम पर संरक्षित वन क्षेत्रों (ओरण भूमि) को सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट पूर्व न्यायाधीश जे आर गोयल की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने इसके गठन को मंजूरी दे दी। वहीं, केन्द्रीय वन पर्यावरण सचिव तनमय कुमार कोर्ट में हाजिर हुए और कमेटी के लिए केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि का नाम बताया। कोर्ट ने उन्हें अवमानना कार्यवाही से मुक्त कर दिया।

न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने टी.एन. गोडावर्मन मामले पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसम्बर 2024 को पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ओरण क्षेत्र के संरक्षण के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन का निर्देश दिया था। इसको लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने समिति के गठन का प्रस्ताव केन्द्र को भेज दिया।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि कमेटी को मंजूरी दे दी है। यह ओरण के संरक्षण, सुरक्षा और सतत प्रबंधन की निगरानी का कार्य करेगी।

पूर्व न्यायाधीश जितेन्द्र राय गोयल- अध्यक्ष

केन्द्रीय उप महानिरीक्षक वन (वन्यजीव)- सदस्य

भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी एम.आर. बलोच- सदस्य

सेटलमेंट कमिश्नर, जयपुर- सदस्य

मुख्य वन संरक्षक (डब्ल्यूपी एंड एफएस), जयपुर – संयोजक