
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 90 फ़ीसदी तक पर्यटन पर असर पड़ा है। दहशत के चलते 3500-4000 लोगों के द्वारा बुकिंग रद्द कराने से गर्मी के मौसम में कारोबार ठंडा है। जबकि हर साल करीब 5000 लोग कश्मीर जाते है। भीड़ से बचने के लिए पहले ही टिकटों से लेकर होटल और मोटल बुक करवाते है। लेकिन, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर के साथ ही अन्य हिल स्टेशनों में जाने से पर्यटक परहेज कर रहे है।
टूर एंड ट्रैवल्स संचालकों का कहना है कि हालात के सामान्य होने के बाद लोगों की आवाजाही शुरू होगी। लेकिन, इसके सामान्य होने में अभी काफी समय लगने की बात कह रहे है। ट्रैवल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया(टाफी) के प्रदेश अध्यक्ष रमन जादवानी ने बताया कि पहलगाम में हुई घटना के बाद की संख्या में काफी कमी आई है।
इसके चलते इस सीजन में टिकट बुक कराने के बाद उसे निरस्त करवा रहे हैं। बता दें कि अप्रैल से अगस्त तक देशभर के 25 लाख से ज़्यादा पर्यटक कश्मीर आते हैं। इसके लिए अप्रैल से लेकर जुलाई तक अपनी सुविधा के अनुसार जम्मू-कश्मीर जाते है।
टाफी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि बुकिंग कराने वालों की पूरी रकम लौटाई जा रही है। जम्मू- कश्मीर होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के साथ ही टूरिस्ट कार्पोरेट, ट्रैवल्स और विमानन द्वारा इसका निर्णय लिया गया है। बुकिंग से संबंधित दस्तावेज दिए जाने पर रकम लौटाने की प्रक्रिया चल रही है।
ट्रैवल्स संचालकों का कहना है कि कश्मीर में हुए आतंकी हमले में एक साथ इतने सारे पर्यटक पहले कभी नहीं मारे गए। इसमें हमले का असर प्रदेश के साथ देशभर और जम्मू -कश्मीर पर सर्वाधिक पड़ा है।
ट्रैवल्स संचालकों का कहना है कि गर्मियों की छुट्टी में अधिकांश मध्यम और उच्च वर्ग के लोग परिवार वालों एवं दोस्तों के साथ कश्मीर और अन्य हिल स्टेशनों में सैर करने के लिए जाते है। के बाद इसका प्रचलन बढ़ा है। जहां 2023 में इसकी संख्या करीब 1600 और 2024 में 3400 और 2025 में अब तक करीब 4600 लोगों द्वारा बुकिंग कराई गई थी। लेकिन आंतकी हमले से सारा पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है।
टाफी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि जम्मू- कश्मीर होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबर चौधरी के मुताबिक अप्रैल से अगस्त तक होने वाली कम से कम 13 लाख बुकिंग पूरी घाटी में रद्द कर दी गई हैं। एसोसिएशन करीब 240 होटलों और रेस्तराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अप्रैल से अगस्त तक आमतौर पर 25 लाख से ज़्यादा कश्मीर आते हैं। लेकिन, इस साल कम से कम 90 फीसदी पर्यटक डर के कारण कश्मीर नहीं आएंगे।