
डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला भारत के जाने-माने शिशु शल्य चिकित्सक हैं, जो एमएस, एमसीएच की डिग्री के साथ प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, शिशु शल्य चिकित्सा विभाग तथा पूर्व चिकित्सा अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल, जयपुर के रूप में वर्षों तक सेवा दे चुके हैं। आपने अब तक 5000 से अधिक हाइपोस्पेडियासर्जरी की हैं और मात्र 9 महीने 18 दिन के शिशु पर आइसोप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी कर “लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में नाम दर्ज कराया। बच्चों की जन्मजात व जटिल सर्जिकल समस्याओं की सटीक पहचान और सफल उपचार में आपका अनुभव अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में डॉ. शुक्ला कुछ आम लेकिन गंभीर शिशु शल्य चिकित्सा संबंधी सवालों के उत्तर दे रहे हैं।
(प्रश्नकर्ता: सोनम सिंह)
एसोफेगल एट्रीसिया एक जन्मजात स्थिति है जिसमें भोजन की नली (इसोफेगस) पूरी नहीं बनी होती और पेट तक नहीं पहुंचती। वहीं ट्रेकियोएसोफेजियल फिस्टुला में सांस की नली और भोजन की नली के बीच असामान्य जुड़ाव होता है।
लक्षण:
दूध पीते समय खांसी
मुंह से झाग निकलना
सांस लेने में कठिनाई
त्वचा नीली पड़ना (साइनोसिस)