
ईडी (ED) ने पीएमएलए (PMLA) के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के लोनावला में एंबी वैली सिटी और उसके आसपास की 707 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। इस जमीन की कीमत करीब 1460 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह संपत्ति सहारा समूह (Sahara Group) की कई संस्थाओं के डायवर्टेड फंड से बेनामी नामों पर खरीदी गई थी। ईडी ने ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज तीन एफआइआर (FIR) के आधार पर जांच शुरू की थी। सहारा समूह और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ अब तक 500 से ज्यादा एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें 300 से अधिक मामले पीएमएलए के तहत सूचीबद्ध अपराधों से संबंधित हैं।
ED की जांच में खुलासा हुआ है कि सहारा समूह ने HICCSL, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहरायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी, स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी संस्थाओं के जरिए एक बड़े पैमाने पर पोंजी स्कीम चलाई थी। समूह ने निवेशकों को ऊंचे रिटर्न और एजेंटों को आकर्षक कमीशन का लालच देकर धोखा दिया और जमा राशि का अनियंत्रित तरीके से उपयोग किया।
जांच में पाया गया कि सहारा समूह ने निवेशकों को उनकी परिपक्वता राशि का भुगतान करने से बचने के लिए उन्हें जबरन या लालच देकर दूसरी योजनाओं में दोबारा निवेश करने के लिए मजबूर किया। इसके साथ ही, गैर-भुगतान को छिपाने के लिए समूह ने अपने खातों में हेरफेर किया, जिसमें पुनर्निवेश को नई जमा के रूप में दिखाया गया। ED ने यह भी पाया कि समूह ने नई जमा स्वीकार करना जारी रखा, जबकि मौजूदा परिपक्वता राशि का भुगतान करने में असमर्थ था।
ED ने बताया कि सहारा समूह ने जमा राशि का एक हिस्सा बेनामी संपत्तियां बनाने, व्यक्तिगत खर्चों और आलीशान जीवनशैली के लिए डायवर्ट किया। जांच के दौरान, समूह के कर्मचारियों और निवेशकों सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए गए। साथ ही, PMLA की धारा 17 के तहत तलाशी के दौरान 2.98 करोड़ रुपये की अस्पष्टीकृत नकदी भी जब्त की गई।
सहारा समूह के निवेशकों को राहत देने के लिए सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रिफंड की प्रक्रिया चल रही है। फरवरी 2025 तक, 1.16 मिलियन निवेशकों को 2,025.75 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के 29 मार्च 2023 के आदेश के तहत SEBI द्वारा एकत्रित 5,000 करोड़ रुपये के फंड से संचालित हो रही है।
ED ने कहा कि सहारा समूह की इस कथित धोखाधड़ी की जांच अभी जारी है, और वह निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्रवाई सहारा समूह की वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ एक और बड़ा कदम है, जो पहले भी कई कानूनी विवादों में फंस चुका है।
इस मामले में सहारा समूह की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ED ने सहारा इंडिया को इस कार्रवाई के संबंध में जवाब मांगने के लिए पत्र भेजा है। यह कार्रवाई सहारा समूह के लिए एक और झटका है, जिसके संस्थापक सुब्रत रॉय का निधन 14 नवंबर 2023 को हो चुका है। समूह पहले भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 39,000 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैचमेंट और निवेशकों को रिफंड के मामले में चर्चा में रहा है।