Saturday, October 18

आज CM पर फैसला नहीं तो लग सकता है राष्ट्रपति शासन

मणिपुर में मुख्यमंत्री पद से एन.बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा फिलहाल कोई नया सर्वमान्य चेहरा तलाश नहीं पाई है। पार्टी के पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी और सांसद डॉ.संबित पात्रा ने मंगलवार को इंफाल में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में किसी नए नाम पर सहमति नहीं बनी है। पार्टी की कोशिश ऐसे चेहरे को चुनने की रही, जिसको लेकर मैतेई और कुकी दोनों समुदायों का भरोसा हो। यदि नए सीएम के लिए सर्वसम्मति नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की प्रबल संभावना है।

विधायकों के साथ बैठक के अलावा डॉ.पात्रा ने बीरेन सिंह का विकल्प माने जा रहे पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं- सत्यव्रत सिंह, विधायक राधेश्याम सिंह, मंत्री वाई खेमचंद सिंह, विश्वजीत सिंह और बसंत कुमार सिंह से अलग से चर्चा की। सूत्रों का दावा है कि पार्टी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। मणिपुर भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष ए.शारदा देवी ने मुख्यमंत्री पद से बीरेन सिंह के इस्तीफे को राज्य हित में उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि इसके पीछे कोई दूसरे कारण नहीं हैं। उनका इस्तीफा राज्य के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। उन्होंने पार्टी विधायकों के बीच किसी तरह के मतभेद को भी खारिज किया।

सीएम के इस्तीफे के बाद सियासी संकट

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर की एक रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी जिसमें करीब 200 लोग मारे गए थे। यह रैली मणिपुर हाईकोर्ट की ओर से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश देने के बाद हुई थी। हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में सुरक्षा बंदोबस्त मजबूत करने के अलावा दोनों समुदायों में मेलजोल के प्रयास किए लेकिन पूर्णत: शांति के हालात नहीं बने। हाल में गृह सचिव पद से रिटायर हुए अजय भल्ला को राज्यपाल बनाकर भेजा गया है। इस बीच मुख्यमंत्री पद से बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सियासी संकट खड़ा हो गया है। अब केंद्र की तरफ से आगे उठाए जाने वाले कदम पर सभी की निगाहें टिकीं हैं।