Monday, September 22

लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए देश को सीमाओं को सुलझाने और देश में “सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव” स्थापित करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन एस राजा सुब्रमणि ने शुक्रवार को कहा कि अस्थिर सीमाओं के अलावा भारत का विनिर्माण क्षेत्र, पर्याप्त रोजगार के अवसरों की कमी और मानव विकास सूचकांक देश की कमजोरियां हैं। उन्होंने कहा कि इन कमजोरियों को 2047 तक विकसित भारत के विजन को पूरा करने के लिए ठीक करने की जरूरत है। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए देश को सीमाओं को व्यवस्थित करने और भीतर सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। सूरत लिटरेरी फाउंडेशन द्वारा भारत 2047 थीम पर आयोजित लिट फेस्ट में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा (बाह्य और आंतरिक)’ पर बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि ने कहा कि दो हजार संतों के लिए हमारा क्या विजन है? 2047 के लिए हमारा दृष्टिकोण क्या है? हमें पता होना चाहिए कि हमारी ताकत और कमजोरियां क्या हैं। हमें यह जानना चाहिए कि हमारी ताकत क्या है, हमारी कमज़ोरियाँ क्या हैं। हमारी ताकत हमारी भौगोलिक स्थिति, हमारे युवा, आर्थिक ताकत – स्थिर आर्थिक विकास और फार्मा और आईटी सहित हमारा सेवा क्षेत्र है।