
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लग लग रहे महाकुंभ को लेकर जिले में भी भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। हर कोई त्रिवेणी संगम में शाही स्नान करने को आतुर है। कई लोग कल्पवास के लिए भी पहुंच गए हैं। वहीं कई दोस्तों के साथ पहुंचने की योजना बना रहे हैं। जिले में कई ट्रेवल्स संचालक भी विशेष पैकेज पर संगम स्नान कराने के लिए बुकिंग कर रहे हैं। वहीं कई लोग खुद के साधन से जाने की तैयारी कर रहे हैं। सनातन धर्म में महाकुंभ का बेहद महत्व है। कहा जाता है कि महाकुंभ के वक्त प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में शाही स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कुंभ मेला हर तीन साल में होता है, लेकिन महाकुंभ का आयोजन 144 वर्षों में एक बार होता है। इस दौरान कई धार्मिक आयोजन और स्नान होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन को शुद्ध और पवित्र करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस बार 2025 में एक दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है, जिससे इस महाकुंभ का विशेष महत्व है। कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। हर 12 साल में भारत के चार पवित्र शहर हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होने वाला यह मेला लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। बताया जाता है कि कुंभ मेले की उत्पत्ति समुद्र मंथन की कथा से जुड़ी है।
कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक समागम ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक भी है।