
महाकुंभ 2025 को लेकर उम्मीद जताई जा रही है देश-दुनिया से करीब 40 करोड़ लोग इसमें शामिल होने प्रयागराज पहुंचेंगे। सरकार ने 45 दिन के आयोजन में बुनियादी सुविधाओं पर भारी निवेश किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के मुताबिक महाकुंभ से सरकार का राजस्व दो से ढाई लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक महाकुंभ में उपभोक्ता चीजों का कारोबार 17,310 करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है। सिर्फ पूजा सामग्री की बिक्री 2,000 करोड़ और फूलों की बिक्री 800 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। पिछले कुंभ (2019) में करीब छह लाख लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिला था। इस साल यह आंकड़ा डेढ़ गुणा तक बढ़ सकता है। उत्तर प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट के मुताबिक अब तक 45,000 परिवारों को इस आयोजन से रोजगार मिल चुका है।