
ग्रहण काल के समय को अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण वाले दिन किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। यहां तक कि जब सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है तो मंदिरों के दरबाजे भी बंद कर दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से ग्रहण की नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि नए साल 2025 में पहला ग्रहण कब और किस पर्व पर लगेगा? आइए यहां जानते हैं। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस लिए यहां सूतक काल भी नहीं लगेगा। क्योंकि सूतक काल वहीं लगता है जहां ग्रहण दिखाई देता है। सूतक काल चंद्र ग्रहण के करीब 6 घंटे पहले शुरु होता है और ग्रहण के समाप्त होने तक रहता है। इस लिए होलिका पूजान और दहन के समय इसका कोई असर नहीं रहेगा। इसका असर उन जगहों पर होगा, जहां ये दिखाई देगा। उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया के कुछ हिस्सों में चंद्र ग्रहण का असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही प्रशांत महासागर, दक्षिणी उत्तरी ध्रुव, अटलांटिक महासागर, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में इसका असर रहेगा।