
भारत में आर्थिक उदारीकरण की मशाल जलाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली) में निधन हो गया। एम्स ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि तबीयत बिगड़ने पर डा. सिंह को शाम 8.06 पर मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। इससे पहले, उम्र से संबंधित बीमारियों के लिए उनका उपचार चल रहा था और घर पर वह अचानक बेहोश हो गए थे। उन्होंने गुरुवार रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली।
केद्र सरकार ने डॉ सिंह के निधन पर सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है और शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। डॉ सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम विरला सहित कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। 1947 में भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था। उन्होंने साल 1958 में गुरशरण कौर से शादी की थी। उनकी तीन बेटियां भी हैं, जिनका नाम उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह हैं। मनमोहन सिंह स्वास्थ्य कारणों से हाल के वर्षों में राजनीति से दूर रहे। 2024 की शुरुआत से ही उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति जनवरी 2024 में उनकी बेटी की पुस्तक के विमोचन के अवसर पर हुई थी।