केदारनाथ जाने के लिए गौरीकुंड और सोनप्रयाग को जोड़ने वाला पुल भी बारिश और बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है।
केदारनाथ/श्रीनगर/नई दिल्ली. दो दिनों से जारी भारी बारिश से उत्तराखंड के केदारनाथ में 15000 लोगों के फंसने की खबर है। बताया जा रहा है कि ये सभी केदारनाथ की यात्रा पर गए हैं। बारिश के कारण बाढ़ में फंसे 9000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को शुक्रवार को एनडीआरएफ की टीम ने 14 हेलिकॉप्टर से बाहर निकाला। बचे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए केंद्र सरकार ने मदद का भरोसा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की। शनिवार को केंद्र एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की और टीमें भेज रहा है। राज्य सरकार ने केदारनाथ यात्रा दो दिन के लिए रोक दी है।
सीएम ने कहा- श्रद्धालु डरें नहीं, करेंगे हर संभव मदद
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ”श्रद्धालु आपदा के डर से यात्रा बीच में न छोड़ें। प्रशासन सुरक्षित यात्रा के लिए हर संभव मदद करेगा।” वहीं, मानसरोवर यात्रियों के चौथे जत्थे को धारचूला बेस कैंप पर रोक दिया गया है। बारिश के कारण हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ इलाके में 12 से ज्यादा सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ”श्रद्धालु आपदा के डर से यात्रा बीच में न छोड़ें। प्रशासन सुरक्षित यात्रा के लिए हर संभव मदद करेगा।” वहीं, मानसरोवर यात्रियों के चौथे जत्थे को धारचूला बेस कैंप पर रोक दिया गया है। बारिश के कारण हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ इलाके में 12 से ज्यादा सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उत्तराखंड की सभी नदियां उफान पर
उत्तराखंड की सभी नदियों में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ गया है। प्रदेश में दो दिन से लगातार बारिश के चलते गढ़वाल और कुमाऊं की सभी नदियां उफान पर हैं। गढ़वाल में अलकनंदा, मंदाकिनी और भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है। ऋषिकेश व हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही है। प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। कुमाऊं में शारदा, सरयू, गोमती और काली नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। पिथौरागढ़ जिले में काली नदी के कटाव से सुरक्षा दीवार बहने के कारण एक गांव के 40 परिवारों ने घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण ली है।
उत्तराखंड की सभी नदियों में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ गया है। प्रदेश में दो दिन से लगातार बारिश के चलते गढ़वाल और कुमाऊं की सभी नदियां उफान पर हैं। गढ़वाल में अलकनंदा, मंदाकिनी और भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है। ऋषिकेश व हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही है। प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। कुमाऊं में शारदा, सरयू, गोमती और काली नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। पिथौरागढ़ जिले में काली नदी के कटाव से सुरक्षा दीवार बहने के कारण एक गांव के 40 परिवारों ने घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण ली है।
मौसम खुलने का इंतजार
उत्तराखंड के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी आरके शर्मा ने कहा, ”मौसम खुलने के बाद फिर से यात्रा शुरू होगी। कई इलाकों में अभी भी लगातार बारिश जारी है। इसके चलते चमोली में चारधाम यात्रा बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। 9000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को गोविंद घाट और अन्य इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। पिथौरागढ़ कलेक्टर सुशील कुमार ने बताया कि 57 यात्रियों का दल मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना किया गया था, जिसे धारचूला के पास रोक दिया गया है। हालांकि, यात्रा को स्थगित नहीं हुई है।
केरल में बारिश से तीन की मौत
केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के चलते भारी बारिश से तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं, जबकि 11 लोग घायल हो गए। राज्य के अनेक इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। राज्य में सामान्य बारिश 491.8 मिमी के मुकाबले 346.9 मिमी बारिश हुई है। यह 26 प्रतिशत कम है।
केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के चलते भारी बारिश से तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं, जबकि 11 लोग घायल हो गए। राज्य के अनेक इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। राज्य में सामान्य बारिश 491.8 मिमी के मुकाबले 346.9 मिमी बारिश हुई है। यह 26 प्रतिशत कम है।
पूरे देश में मानसून सक्रिय
मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश में 26 जून तक मानसून सक्रिय हो गया है। स्कायमेट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी राजस्थान में भी पहुंच गया है। देश में मानसून देरी से आया था, लेकिन वह 21 दिन में पूरे देश में तेजी से सक्रिय हुआ है। पिछले 24 घंटे में नॉर्थ-वेस्ट इंडिया में 469 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। जबकि जम्मू-कश्मीर में 1,324 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। इसी तरह से राजस्थान में 846 प्रतिशत और गुजरात में 635 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है