Tuesday, September 23

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा, व्रत, तथा पितरों के तर्पण का विधान है।

हिंदू धर्म पर्वों का धर्म है। हर दिन कोई न कोई त्योहार होता है। इसी कड़ी में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत फलदायी होता है। इसके साथ ही गरीब लोगों को दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या का क्या है महत्व और कब मनाया जाएगा यह पर्व।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। क्योकि इस दिन को बहुत ही पवित्र दिन माना गया है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी या घर पर स्वच्छ जल में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही दीर्घायु प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर 2024 को दिन सोमवार को पड़ रही है। मान्यता है कि सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह सोमवार के दिन सुबह के 04 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 31 दिसंबर 2024 को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। यह साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या होगी। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान और पूजा अर्चना करने का शुभ शुभ समय इस प्रकार है। सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त का समय सुबह 5 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम के 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।