
रेलवे के विभागों द्वारा किस कदर अपने काम के प्रति लापरवाही बरती जा रही है, इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली। प्रतिदिन छिंदवाड़ा से शाम 6 बजे सिवनी से होते हुए नैनपुर तक जाने वाली पैसेंजर ट्रेन रात 10 बजे रवाना की गई। पैसेंजर ट्रेन चार घंटे की देरी से रात 11.30 बजे सिवनी स्टेशन पहुंची। ट्रेन का निर्धारित समय शाम 7.20 बजे है। इसके बाद यह ट्रेन रात रात 7.43 बजे की जगह रात 10 बजे भोमा, रात 12.13 बजे कान्हीवाड़ा, रात 12.33 बजे खैरी हाल्ट, रात 12.45 बजे केवलारी पहुंची। जबकि केवलारी स्टेशन पहुंचने का निर्धारित समय रात 8.21 बजे है। पैसेंजर ट्रेन के देरी से परिचालन की वजह ब्रेक पॉवर सर्टिफिकेट(बीपीसी) का एक्सपायर हो जाना था। दरअसल रेलवे के नियम के अनुसार मालगाड़ी, पैसेंजर ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन एक बार मेंटनेंस होने के बाद निर्धारित समय या फिर दूरी तक ही चलाई जाती है। इसके बाद दोबारा मेंटनेंस किया जाता है। इसके देखरेख की जिम्मेदारी रेलवे के कैरिज एंड वैगन विभाग की है। इसके अलावा कंट्रोलर सहित अन्य लोगों की जिम्मेदारी है कि वे यह देखें कि ट्रेन की बीपीसी खत्म तो नहीं हुई है। शुक्रवार को पैसेंजर ट्रेन के रैक की बीपीसी खत्म हो गई थी। ऐसे में इस ट्रेन को यात्रियों के लिए चलाना संभव नहीं था। छिंदवाड़ा रेलवे को इसकी जानकारी देरी से मिली। इसके बाद आनन-फानन में नागपुर कंट्रोलर को सूचना दी गई। देर रात रैक गोंदिया से छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंची।
रेलवे के नियम के अनुसार ट्रेन के निर्धारित दूरी तक चलने के बाद उसका मेंटनेंस पिट लाइन में किया जाता है। ट्रेन के बोगियों के ब्रेक सू सहित अन्य सामान बदले जाते हैं। यह भी जांच की जाती है कि किसी बोगी में कोई पाट्र्स खराब या फिर ढीला तो नहीं है। पूरी जांच के बाद ट्रेन की बीपीसी जारी होती है। इसकी एक्सपायरी डेट भी इस पर लिखी होती है। अब तक छिंदवाड़ा स्टेशन में इसलिए समस्या नहीं आई थी कि इतवारी में पैसेंजर ट्रेनों का मेंटनेंस हो जाता था। नैनपुर से छिंदवाड़ा आने के बाद पैसेंजर ट्रेन की रैक छिंदवाड़ा से इतवारी के लिए इस्तेमाल हो जाती थी और इसका मेंटनेंस भी इतवारी में हो जाता था, लेकिन रेलवे ब्रिज नंबर-94 में दरार के चलते इतवारी से छिंदवाड़ा तक पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है।