
छत्तीसगढ़ के रायपुर देवउठनी एकादशी पर माता तुलसी विवाह का उल्लास पूरे शहर में रहा। द्वार-द्वार रंगोली, दीपमालाएं जगमग हुई। तुलसी चौरा पर गन्ने के मंडप में माता तुलसी और भगवान शालिग्राम को विराज कर दम्पतियों ने विधि-विधान से ब्याह रचाया। अनेक प्रकार फूल, सब्जी-भाजी, सुहाग, चुनरी का अर्पण किए। मंगल गीत गाते हुए हाथों में मूर्ति लेकर मंडप के चारों तरफ सात फेरे लेकर उत्सव मनाया। सालभर की एकादशी में सर्वश्रेष्ठ प्रबोधनी एकादशी का व्रत रखकर घर के बड़े-बुजुगो ने पूजन किया। घरों से लेकर मठ-मंदिरों में माता तुलसी विवाह के उल्लास के रंग में छोटे-बड़े सदस्य नजर आए। पूजा-आरती कर भगवान के विवाह का उल्लास मनाया। मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। वहीं घरों में छोटी दिवाली मनाने की धूम रहेगी। बच्चे और बड़े सभी पटाखे फोड़कर खुशियां मनाया। इसके साथ ही चार महीने चातुर्मास की वजह से बंद शुभ मुहूर्त प्रारंभ हुआ। भगवान श्रीहरि देवशयनी एकादशी से क्षीरसागर में निंद्रा पर थे। अग्रसेनधाम भजन और मंगल गीतों से गूंजा। यहां अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, अग्रवाल सभा एवं राधा सखी परिवार की ओर से तुलसी विवाह महोत्सव आयोजित किया गया। सालासर बालाजी मंदिर से भगवान शालिग्राम की बारात गाजे बाजे के साथ निकली और 131 दम्पतियों ने सामूहिक रूप से माता तुलसी का विवाह रचाया। आयोजक योगेश अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को रस्म हवन गोदान के बाद विदाई होगी।
सम्मेलन के महामंत्री राजकुमार राठी ने बताया कि सामूहिक तुलसी विवाह एवं उद्यापन समारोह में प्रात: भगवान गणेश की स्थापना कर 131 जोड़ों द्वारा विधि-विधान से पूजा की गई। शाम 5 बजे भगवान शालिग्राम की भव्य बारात राधाकृष्ण , शिव-पार्वती की वेशभूषा में निकली। तुलसी पूजा विवाह वृंदावन से आए पंडित पुनीत कृष्णा शास्त्री ने संपन्न कराया गया, जिसमें प्रदेशभर के श्रद्धालु शामिल हुए। प्रसादी वितरित की गई। कार्यक्रम में अग्रवाल सभा के अध्यक्ष विजय अग्रवाल, मनमोहन अग्रवाल, वैश्य समाज के महामंत्री राजकुमार राठी, अमर सुल्तानिया, शिवरतन गुप्ता, राधा सखी परिवार से अंजना अग्रवाल, अनीता अग्रवाल, आशा चौबे, निशा अग्रवाल, अंजू बागड़िया, कविता, अमिता अग्रवाल, मधु, प्रिया अग्रवाल, आशा सिंघानिया प्रमुख रूप से शामिल हुए।