
राजस्थान की सातों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर बुधवार सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया है। मतदान दलों ने पोलिंग बूथों पर पहुंचकर मतदान की तैयारियां पूरी कर ली थी। उधर, लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत में गिरावट के कारण इसे फिर ऊपर लाना चुनावी मशीनरी के लिए चुनौती बना हुआ है, वहीं अब मतदाताओं की बारी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने मंगलवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के अधिकारियों से मतदान की तैयारियों की जानकारी ली। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए 1915 में से 1170 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील माना गया है, पहले इनकी संख्या 1120 मानी गई थी। संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग के जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी।
मतदान केन्द्रों को इको फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए मतदान स्थल पर प्लास्टिक के बजाय कागज के पैकेट में खाना-नाश्ता मंगवाने, पानी के लिए प्लास्टिक की बोतल के बजाय मिट्टी के घडे रखवाने के निर्देश दिए हैं। लोकसभा चुनाव और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के मतदान के आंकड़ों को देखा जाए तो रामगढ़, दौसा, खींवसर व देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत करीब 15 प्रतिशत गिर गया, वहीं सलूम्बर में सबसे कम गिरावट के बावजूद मतदान प्रतिशत 9.43 प्रतिशत घट गया।