आज यानी बुधवार को सभी की नजरें रिजर्व बैंक (RBI) की पॉलिसी की समीक्षा पर रहेंगी जब केंद्रीय बैंक दरों में राहत देने या न देने पर अपना फैसला सामने रखेगा। बेसिक होम लोन्स के सह- संस्थापक अतुल मोंगा ने बताया की पिछली नौ बैठकों से लगातार, आरबीआई ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव न लाते हुए इसे 6.50% पर रखा है, इसका उद्देश्य महंगाई दर में संतुलन बनाए रखना और आर्थिक विकास में स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इस बार दरों में कटौती की उम्मीद थोड़ी कम है। दुनिया भर में जारी जियोपॉलिटक टेंशन खासतौर पर मध्य पूर्व में, का भी एमपीसी के फैसलों पर प्रभाव होगा। RBI (Reserve Bank of India) से आस लगाई जा रही है की मौजूदा स्थितियों का हवाला देते हुए आरबीआई इस अक्टूबर में भी दरों में कोई कटौती न करे।
आरबीआई (RBI) दरों को मौजूदा स्थिति में बनाए रख सकता है, क्योंकि दरों में कोई भी कटौती रूपए को कमज़ोर बना सकती है। और रूपए के कमजोर होने से आयात की लागत और भारतीय कंपनियों के लिए इनपुट की लागत पर भी प्रभाव पड़ सकता है।