टेक्सटाइल क्षेत्र के दिग्गज वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन पद्मभूषण एसपी ओसवाल (SP Oswal) को सुप्रीम कोर्ट (SC) के आदेशों का हवाला देकर गिरफ्तार करने और संपत्ति सील करने का फर्जी वारंट दिखाकर साइबर ठगों ने सात करोड़ रुपए ठग लिए। पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर छह करोड़ रुपए की रिकवरी कर ली है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। ओसवाल को वर्ष 2010 में केंद्र सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
पुलिस को दी गई शिकायत में ओसवाल ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि उनके नाम सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी के वारंट निकले हैं। इसके साथ ही संपत्ति सील करने के भी आदेश दिए गए हैं। फोन करने वाले व्यक्ति ने ओसवाल को डराने के लिए CBI, ED और कस्टम विभाग का भी जिक्र किया। ओसवाल को इस पर भरोसा नहीं हुआ तो आरोपियों ने फोन पर सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश भेज दिए। इसके बाद ओसवाल ने साइबर ठगों पर विश्वास कर लिया। बताया जाता है कि फर्जी आदेशों को देखने के बाद ओसवाल ने उनसे बचाव की बात कही। इस पर आरोपियों ने ओसवाल से 7 करोड़ रुपए मांगे। ओसवाल ने आरोपियों को सात करोड़ रुपए दे दिए। ओसवाल ने बताया कि साइबर अपराधी बार-बार उन्हें गिरफ्तारी और बदनामी का डर दिखा रहे थे।
ओसवाल ने बताया कि उन्होंने ठगी की जानकारी होने पर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर 6 करोड़ रुपए बरामद कर लिए हैं। ठगी में दो अन्य शातिर बताए जाते हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। हालांकि पुलिस ने अभी मामले का खुलासा नहीं किया है।