Monday, September 22

बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में पचास से अधिक मकानों के ध्वस्त होने की खबर है। अभी भी सुकमा का सड़क सम्पर्क जगदलपुर, कोंटा, जगरगुंडा से कटा हुआ है।

प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से कारण जगदलपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद जिले पानी-पानी हो गए हैं। यहां पर कई नदियां उफान पर हैं। जगदलपुर-बीजापुर में इंद्रावती, सुकमा में शबरी व नारायणपुर में माडि़न नदी उफान पर है। वहीं दुर्ग में शिवनाथ, खैरागढ़ में आमनेर, बालोद में खरखरा जलाशय ओवरफ्लो हो गया है। इसके कारण कई बस्तियों में पानी भर गया है।

बस्तर जिले में तीन दिन से जारी अनवरत बारिश से बीजापुर जिले में इंद्रावती नदी, सुकमा जिले में शबरी व नारायणपुर में माडि़न नदी ऊफान पर हैं। दंतेवाड़ा में डंकिनी नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ है। इन तीन जिलों का उनके सीमावर्ती राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश व ओडिशा से संपर्क कटा हुआ है। कोंटा के कुछ जगह पर मुख्य मार्ग पर भी आवाजाही नाव के जरिए की जा रही है। बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में पचास से अधिक मकानों के ध्वस्त होने की खबर है। अभी भी सुकमा का सड़क सम्पर्क जगदलपुर, कोंटा, जगरगुंडा से कटा हुआ है।
सुकमा के कोंटा में कई किमी का इलाका जलमग्न है। ग्रामीण इलाके तक आवागमन के साधन नहीं पहुंच पा रहे हैं। यहां मट्टीमारका गांव चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। तीन दिन से यहां पहुंचने दिक्कत हो रही है। यहां कई पुल पर पानी होने से वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। वहीं नारायणपुर जिले का कोंडागांव से सडक सम्पर्क आज दूसरे दिन भी कटा रहा।