
केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड, जो पिछले छह साल से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के अधीन काम कर रही है, जल्द ही बिकने के कगार पर है। प्रदेश के निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी बिजली कंपनी केएसके महानदी पॉवर बिकने की कगार पर है। केएसके को खरीदने के लिए अडानी समूह ने 27 हजार करोड़ की बोली लगाई है। यह बोली सबसे अधिक है। इसके बाद जिले में रोजगार के अवसर बढऩे की उम्मीद भी जगी है, क्योंकि 3600 मेगावाट में मात्र यहां 1800 मेगावाट का ही उत्पादन हो रहा है। बाकी की इकाई का निर्माण कार्य ही अधूरा पड़ा हुआ है। ऐसे में अब रोजगार के साथ ही बाकी 1800 मेगावाट में भी बिजली उत्पादन शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। जिले के अकलतरा स्थित केएसके बिजली संयंत्र लगभग दिवालिया घोषित हो चुकी है। कई बड़े बैंकों से करोड़ों का कर्ज भी लिया है। यह प्लांट बैंक के सुपुर्द है। लेकिन अब बिकने जा रही है। यह 1800 मेगावाट के बिजली संयंत्र की नीलामी के लिए कर्जदाता बैंकों ने ऑफर बुलाए थे। बताया जा रहा है कि इसमें 10 कंपनियों ने केएसके महानदी पॉवर को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
