एक छात्र ने प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से कचरे को जलाकर बिजली बनाने की युक्ति खोजी है। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद अब वह दिल्ली में साइंस फेयर में गुजरात का प्रतिनिधित्व करेगा।
एक छात्र ने प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से कचरे को जलाकर बिजली बनाने की युक्ति खोजी है। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद अब वह दिल्ली में साइंस फेयर में गुजरात का प्रतिनिधित्व करेगा। शहर के जैनाचार्य आनंदसूरी स्कूल में कक्षा 10वीं के छात्र प्रज्विन सिंह चंपावत ने इलेक्ट्रिसिटी फ्रॉम वेस्ट प्रोजेक्ट तैयार किया है। डंपिंग साइट पर जलते कचरे से प्रदूषण होते देख चंपावत ने कचरे से बिजली बनानी की ठानी।
छात्र प्रज्विनसिंह ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी फ्रॉम वेस्ट प्रोजेक्ट में एक जार बॉक्स में कचरा जलाकर पास में हीटिंग पैनल लगाया। कूड़े से ऊर्जा उत्पन्न होकर पावर बैटरी में सेव होती है। पावर से उसके पास सेट किया हुआ एलईडी बल्ब हीटिंग पैनल से प्राप्त गर्मी से चालू होता है। उत्पन्न धुआं पाइप में होकर वाटर टैंक में आता है। वहां से पानी पंप से पाइप में होकर वाटर कूलिंग एयरफिल्टर में आता है। प्रदूषण से उत्पन्न कार्बन पानी के ऊपर तैरता है और वहां लगाए रोलर पर जमता है। जमा हुआ कार्बन एक तरफ एकत्र होता है, इससे प्रदूषण बहुत कम होता है। जले हुए कूड़े से उत्पन्न कार्बन का उपयोग टायर, खाद, ईंट आदि बनाने में कर सकते हैं।