Monday, September 22

लगभग 20 प्रतिशत आबादी को एलर्जी संबंधी रोग है। अनुमान है कि 2050 तक यह आंकड़ा 70 प्रतिशत बढ़ जाएगा, जिससे 77 लाख लोग प्रभावित होंगे।

संभावित रूप से घातक मूंगफली एलर्जी वाले ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत जीवन रक्षक उपचार प्रदान किया जाएगा, जिसे विश्व में पहली बार लागू किया जा रहा है। सार्वजनिक अस्पतालों में इस कार्यक्रम का निःशुल्क उपलब्ध होना एक क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है। अधिकारियों ने बुधवार को इस पहल की घोषणा करते हुए कहा कि पात्र शिशुओं को उनकी सहनशीलता बढ़ाने के लिए दो वर्ष तक मूंगफली पाउडर की दैनिक खुराक दी जाएगी। दो वर्ष बाद खाद्य एलर्जी परीक्षण से यह निर्धारित किया जाएगा कि उपचार से एलर्जी में राहत मिली है या नहीं।

20 फीसदी आबादी को एलर्जी संबंधी रोग

ऑस्ट्रेलिया में मूंगफली की एलर्जी से मृत्यु होना दुर्लभ है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख एलर्जी संस्थान के आंकड़ों से पता चला है कि लगभग 20 प्रतिशत आबादी को एलर्जी संबंधी रोग है। अनुमान है कि 2050 तक यह आंकड़ा 70 प्रतिशत बढ़ जाएगा, जिससे 77 लाख आस्ट्रेलियाई प्रभावित होंगे। एक बच्चे को पीनट बटर खाने के बाद पित्ती निकलने लगी। उसकी मां किर्स्टन ने कहा, हम इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं ताकि भविष्य में उसके सुरक्षित रूप से मूंगफली खाने की संभावना को बढ़ाया जा सके।’

दुनिया में सबसे अधिक फूड एलर्जी दर

नेशनल एलर्जी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ओरल इम्यूनोथेरेपी की प्रमुख किर्स्टन पेरेट ने कहा कि यह पहला राष्ट्रीय मूंगफली एलर्जी उपचार कार्यक्रम है, जो क्लिनिकल परीक्षण से अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। आस्ट्रेलियाई बच्चों में खाद्य एलर्जी की दर विश्व में सबसे अधिक है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 12 महीने की उम्र तक तीन प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को मूंगफली से एलर्जी हो जाती है। इनमें से केवल 20 प्रतिशत ही किशोरावस्था तक अपनी एलर्जी से उबर पाते हैं।