Monday, September 22

जंग लगा ताला तोड़ा, खुल गया भगवान जगन्नाथ का खजाना, रत्न भंडार के आभूषणों की सूची बनाने का काम शुरू

भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का दरवाजा 46 साल बाद रविवार दोपहर 1:28 बजे खोल दिया गया। परंपरा के मुताबिक सुबह सबसे पहले भंडार के रक्षक भगवान लोकनाथ महादेव से अनुमति लेकर आज्ञा माला (भगवान जगन्नाथ की मालाएं) को लाया गया। कलक्टर द्वारा सौंपी गई डुप्लीकेट चाबी से ताले को खोलने का प्रयास

भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का दरवाजा 46 साल बाद रविवार दोपहर 1:28 बजे खोल दिया गया। परंपरा के मुताबिक सुबह सबसे पहले भंडार के रक्षक भगवान लोकनाथ महादेव से अनुमति लेकर आज्ञा माला (भगवान जगन्नाथ की मालाएं) को लाया गया। कलक्टर द्वारा सौंपी गई डुप्लीकेट चाबी से ताले को खोलने का प्रयास किया गया, लेकिन जंग लगने की वजह से ताला नहीं खुल पाया। ताले को तोड़ दिया गया। इससे पहले रत्न भंडार में प्रवेश करने वाले सभी 12 लोगों ने भगवान लोकनाथ के सामने शपथ ली कि वे अंदर जो देखेंगे किसी को नहीं बताएंगे। सिर्फ सरकार को रत्नों की जानकारी देंगे। मंदिर के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रत्न भंडार में आभूषणों, बर्तन, अन्य सामग्री की लिस्टिंग, वजन और मूल्यांकन होगा। पिछली बार 1978 में लिस्टिंग और वजन की प्रक्रिया में 70 दिन लगे थे। ओडिशा की डिप्टी सीएम प्रवती परिदा भी पुरी पहुंच चुकी हैं। वह रत्न भंडार की गिनती पूरी होने तक रुकेंगी।