टोक्यो. महान हास्य अभिनेता चार्ली चैप्लिन ने कहा था, ‘हंसी के बगैर गुजारे गए एक दिन का मतलब उस दिन की बर्बादी है।’ हंसने को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जापान में अनूठी पहल की गई है। वहां के यामागाटा प्रांत में हंसने के लिए कानून बना दिया गया है। इसके मुताबिक लोगों के लिए दिन में कम से कम एक बार खिलखिलाकर हंसना अनिवार्य है। घरों के अलावा दफ्तरों में भी इसे लागू किया जाएगा। इसके अलावा हर महीने की आठ तारीख को लाफ्टर डे मनाया जाएगा।यह अजीबो-गरीब कानून एक शोध के आधार पर बनाया गया। जापान की एक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया था कि नियमित तौर पर हंसने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है और लंबा जीवन जीने में मदद मिलती है। शोध में 17 से 40 साल की उम्र के 17,152 लोगों को शामिल किया गया था।
जापान की विपक्षी पर्टियों ने कानून पर विरोध जताते हुए इसे आधारहीन बताया। जापान कम्युनिस्ट पार्टी के नेता टोरू सेकी का कहना है कि हंसना या न हंसना हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, जो संविधान में दिया गया है। कानून उन लोगों के साथ भेदभाव करता है, जो किसी बीमारी के कारण हंस नहीं सकते। कानून पास करने वाली लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने स्पष्ट किया कि इसमें नहीं हंसने पर सजा का प्रावधान नहीं है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में लंबा समय मकानों में काटने के बाद ज्यादातर जापानी मुस्कुराना भूल गए हैं। मुस्कुराहट वापस पाने के लिए वे ‘स्माइल कोच’ की मदद ले रहे हैं। इगाओइकू नाम की ऐसी ही एक कोच के मुताबिक कोरोना काल के बाद उनकी कोचिंग क्लासेज में 4.5 गुना बढ़ोतरी हुई है। वह अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को मुस्कुराना सिखा चुकी हैं।