
केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद प्रदेश में डबल इंजन की सरकार से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। मोहन सरकार के 100 के दिन रोडमैप बनाए तो सरकार के लिए चुनौतियां भी सामने आ गईं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश की 1.30 करोड़ लाड़ली बहना को घर देने की है।
रोडमैप के अनुसार कुल बहनों में से औसतन 6.50 लाख को 100 दिन में घर देना है। यह आसान नहीं है। इस राह में सरकार के सामने बजट से लेकर क्रियान्वयन तक कई चुनौतियां हैं। इनसे जूझकर ही सरकार वादे पूरे कर सकेगी।
अपनाने होंगे ये चरण
1-1.30 करोड़ लाड़ली बहना में से सबसे पहले 6.50 लाख का चयन करना होगा। सितंबर 2023 में आए आवेदनों और अब तक के रजिस्ट्रेशन में से स्क्रूटनी करनी होगी।2- चयनित के लिए आवास निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। 100 दिन में घर बनाना आसान नहीं, लेकिन पूरे होने की कगार पर आ सकता है। इसलिए एक साथ सभी जगह काम शुरू करना होगा।
3- विधानसभा या ब्लॉक के आधार पर हितग्राही का चयन कर शुरुआत हो सकती है। 6.50 लाख हितग्राही के लिए 230 विधानसभा के आधार पर निर्माण कार्य शुरू हो और आवंटन भी हो जाए।
अभी सबसे बड़ी उम्मीद
पीएम मोदी ने 3 करोड़ पीएम आवास 5 साल में देने का ऐलान किया है। इसमें मप्र को 25 लाख आवास मिल सकते हैं। हर हितग्राही के 1.20 लाख रुपए मिलेंगे। सरकार स्क्रूटनी कर देखें कि इसमें कितनी लाड़ली बहना आएंगी। जो दायरे में आएंगी, उन्हें आवास दें, बाकी को लाड़ली बहना आवास योजना से लाभ दें।