बुधवार रात ट्रक हादसे में मृत दोनों युवकों के परिजनों व रिश्तेदारों ने गुरुवार सुबह साढ़े 11 बजे जय स्तंभ चौक पर शव रखकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के कारण चौक के चारों तरफ जाम लग गया।
मृतकों के परिजनों की मांग थी कि ट्रक ड्राइवर पर कार्रवाई की जाए। मरने वाले युवकों के परिवार के एक- एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। शासकीय जनचिकित्सालय से जैसे ही दोनों युवकों के शव पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिजनों को सौंपे शवों को लेकर गांव रवाना होने के स्थान पर जय स्तंभ चौक लेकर आ गए। एसडीएम ओपी श्रीवास्तव ने बताया पुलिस ने वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी।
अप्रशिक्षित रहते हैं ड्रायवर
बासौदा-उदयपुर मार्ग पर जितने सड़क हादसे होते हैं उनमें 75 फीसदी ट्रक की टक्कर से होते हैं। इस मार्ग पर चलने वाले ट्रक अंधी रफ्तार से दौड़ते हैं। उन्हें दौड़ाने वाले अधिकांश अप्रशिक्षित ड्राइवर (क्लीनर) ही होते हैं। उन के पास वाहन चलाने का लायसेंस तक नहीं रहता। कई ट्रकों पर कागज ही नहीं होते। इनकी तेज रफ्तार को रोकने के लिए पुलिस कदम नहीं उठाती। इस के कारण हर साल सड़क दुर्घटना से दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो जाती है। पिछले दिनों देहात थाना प्रभारी ही ट्रक से बाल- बाल बचे। उस ट्रक को कोतवाली में ला कर खड़ा किया गया। उसे भी क्लीनर ही चला रहा था। एसडीओपी अनुराग पांडे ने बताया कि समय- समय पर चैकिंग अभियान चलाया जाता है। जब भी चैकिंग अभियान चलता ऐसे वाहन आते ही नहीं। इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती।