Tuesday, September 23

मोहन सरकार का अंतरिम बजट पेश, वित्त मंत्री ने कहा- सभी वर्गों का ध्यान रखा

मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार को अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश कर दिया। इसमें किसी भी प्रकार की नई योजना या टैक्स की घोषणा नहीं की गई। लेखानुदान के जरिए अप्रैल से लेकर जुलाई 2024 तक विभिन्न विभागों को राशि व्यय करने के लिए राशि का आवंटन किया गया। लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में मध्यप्रदेश का पूर्ण बजट प्रस्तुत होगा।

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को मोहन सरकार ने लेखानुदान पेश किया। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा के पटल पर साल 2024-25 के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया। जुलाई में पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। लेखानुदान के जरिए सरकार विभिन्न विभागों की योजनाओं में राशि व्यय करने के लिए राशि का आवंटन करेगी। कुल एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए का लेखानुदान पेश किया गया। इस अंतरिम बजट के लिए मंगलवार को चर्चा के लिए चार घंटे का वक्त दिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि लेखानुदान द्वारा प्राप्त राशि चार माह बाद पेश होने वाले मुख्य बजट में शामिल की जाएगी। सदन में प्रवेश करने से पहले वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार मोदी की गारंटी पर काम कर रही है। अभी चार माह के लिए अंतरिम बजट ला रहे हैं। इसलिए कोई नई योजना फिलहाल नहीं ला रहे हैं। अंतरिम बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सरकार आम चुनावों के बाद जुलाई 2024 में बजट प्रस्तुत करेगी।

ऊर्जा मंत्री को त्यागपत्र देने की चुनौती

विधानसभा के प्रश्नकाल खत्म होते ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई। श्योपुर जिले के विजयपुर गांव में किसानों के खिलाफ बिजली चोरी के प्रकरणों का मुद्दा विधायक रामनिवास रावत ने उठाया। कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ फर्जी केस बनाए जा रहे हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि किसी भी किसान के खिलाफ फर्जी चालान नहीं बना है। इस बात पर रावत भड़क उठे और उन्होंने कहा कि मेरे साथ चलकर जांच करवा लीजिए। यदि मैं गलत निकला तो सदन से त्यागपत्र दे दूंगा।

प्रदेश में डाक्टरों की कमी

बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा से कांग्रेस विधायक संजय उइके ने अपने क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी का मुद्दा उठाया। बैहर सिविल अस्पताल में डाक्टरों की कमी है। इस कारण क्षेत्र के लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है। स्टाफ भी अधूरा है। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जल्द ही डॉक्टरों की कमी को दूर करेगा। पहले ही पीएससी को एक हजार डॉक्टरों की भर्ती करने के लिए कहा गया है। जरूरत पड़ने पर और भी अधिक डॉक्टरों की भर्ती होगी। सरकार पूरे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी तो दूर करने के लिए प्रयास कर रही है।