समाजवादी पार्टी (samajwadi party) के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के गढ़ में हलचल तेज हो गई है। क्योंकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (cm mohan yadav) मंगलवार को उत्तर प्रदेश में हैं। मोहन यादव (mohan yadav) यूपी के आजमगढ़ क्षेत्र के दौरे पर हैं। मोहन यादव इस क्षेत्र से लगी 5 लोकसभा सीटों पर फोकस कर रहे हैं। मोहन यादव इसी सिलसिले में बड़ी रणनीति बनाने में जुटे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने समाजवादी पार्टी के गढ़ में मोहन यादव को उतारा है। अब मोहन यादव सपा के प्रभाव वाले इलाके में उसे घेरने में जुट गए हैं। मंगलवार को मोहन यादव आजमगढ़ में हैं। वे यहां पांच लोकसभा क्षेत्रों की क्लस्टर योजना समेत कई बैठकों में भाग ले रहे हैं। मोहन यादव यहां के जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे। यह इलाका यादवों की बहुलता के कारण समाजवादी पार्टी के प्रभाववाला माना जाता है।
सपा के गढ़ से लोकसभा चुनाव की शुरुआत
भाजपा ने समाजवादी पार्टी के गढ़ से लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पूरे उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं, जिन्हें भाजपा ने 20 क्लस्टरों में बांटा है। आजमगढ़ क्लस्टर में आजमगढ़ के अलावा लालगंज, घोसी, सलेमपुर और बलिया लोकसभा सीटें आती हैं। यह सभी सीटें यादव बाहुल्य है। यादव बहुल्य होने के कारण भाजपा ने मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव को इन क्षेत्रों में सक्रिय किया है।
मोहन यादव आजमगढ़ हवाई पट्टी पर उतरने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के सा पांच लोकसभा क्षेत्रों की क्लस्टर बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके बाद चुनाव प्रबंधन से जुड़ी अन्य बैठकों में भी हिस्सा लेंगे। इसमें जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, विधानसभा प्रभारी, संयोजक, विस्तारक आदि मौजूद रहेंगे। मोहन यादव अलग से जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे। जिसमें सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख आदि शामिल रहेंगे।
लोकसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को एमपी के मोहन यादव चुनौती दे रहे हैं। वे यादवों को साधने के लिए आजमगढ़ में हैं। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के मोहन यादव को सीएम बनाकर भाजपा ने सभी को चौंका दिया था। तब माना जा रहा था कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले मोहन यादव को उत्तर प्रदेश और बिहार में सक्रिय करेगी, जिससे ओबीसी और यादवों के वोट हासिल कर सके। पत्रिका का यह विश्लेषण सही साबित हुआ और मोहन यादव उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो गए हैं।