Tuesday, September 23

भाजपा की नजर अब कमलनाथ के गढ़ में, सीएम बोले- कोई योजना बंद नहीं होगी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को राजधानी से बाहर पहला दौरा कमलनाथ के गढ़ में किया। पहले ही दौरे में डॉ. मोहन ने सख्त रुख से लेकर संवेदनशील व्यवहार तक दिखाया। सीएम ने कहा कि जो आदेश दिए हैं, उसका पालन हो रहा है या नहीं यह देखना भी हमारी जिम्मेदारी है। हर आदेश का पालन होगा। जनता के साथ तो संवेदनशीलता है, पर अफसरों को छूट नहीं है। कोई लापरवाही हुई तो कार्रवाई होगी। अफसरों को हिदायत देने के बाद डॉ. मोहन ने आम जनता से भी मुलाकात की। किसी के कंधे पर हाथ रखा तो किसी से नाम पूछा। लाड़ली बहना योजना के सवाल पर उन्होंने साफ किया कि प्रदेश में कोई योजना बंद नहीं होगी। पांढुर्ना में उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी पर सरकार काम कर रही है, जनता से मिलकर कठिनाई समझना और सरकार की योजनाओं को मैदान में उतारना है। छिंदवाड़ा के विकास के सवाल पर कहा कि जिले का विकास नहीं रुकेगा।

यह तो शुरुआत है… जनसंवाद जारी रहेगा

सीएम ने कहा कि पहली बार आपके बीच संवाद करने आया हूं। यह शुरुआत है, मैं लगातार आपके बीच आकर संवाद करता रहूंगा। जनता से बात करके, उनकी कठिनाइयों को समझ हर समस्या का समाधान होगा। सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गांव-गरीब, किसान, मजदूर, महिला, युवा सभी के विकास के लिए लगातार कार्य किया जाएगा। प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाएंगे। जनता के हित में लगातार कार्य किए जाएंगे।

प्राकृतिक खेती को किया प्रोत्साहित

सीएम ने पांढुर्णा के पाठई में लोगों से संवाद किया। किसान राहुल ने बातचीत में उन्हें बताया कि उनकी 10 एकड़ जमीन है। इसमें वो पूरी तरह प्राकृतिक खेती करते हैं। शासन की योजना का लाभ लेकर आटे की यूनिट भी लगाई है।

मैं पका भाई, मैदानी निरीक्षण जरूरी

प्रदेश की जनता के साथ भाईबहन का नाता है। आपसे बात कर समस्याओं का निराकरण करूंगा। जो छोटे, नवीन और पिछड़े जिले हैं, उनकी क्षेत्रानुसार स्थानीय कठिनाइयां है। इन कठिनाइयों को मौके पर जाकर समझना और समाधान करना जरूरी है। स्वाभाविक रूप से मुझे लगा कि पांढुर्ना नया जिला बना है। इसमें मैदानी तौर पर जमावट करनी है। हकीकत देखना और जनता के बीच जाकर उनकी कठिनाई को समझना मेरा उद्देश्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम भोपाल में बैठकर समीक्षा करते हैं तब हमें हकीकत मालूम हो, इससे पहले मैदानी निरीक्षण जरूरी है।