Saturday, October 18

सिरोंज में आज तक कोई महिला नहीं बनी विधायक, पांच सीट से सिर्फ महिला प्रत्याशी

विदिशा. क्षेत्र के विकास के लिए भले ही महिलाओं के सहभागिता का राग अलापा जाए, लेकिन प्रतिनिधित्व की कमान सौंपने के मामले में सभी दल पीछे ही रहते हैं। आधी आबादी के वोट साधने के लिए भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ने ही दांव खेला है। भाजपा ने लाड़ली बहना योजना के माध्यम से तो कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना के माध्यम से महिलाओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है। लेकिन दोनों ही दलों ने विधानसभा चुनाव के टिकट महिलाओं को देने में कोई रुचि नहीं दिखाई। सिरोंज में तो अब तक कोई महिला विधायक नहीं बन सकी है।

जिले की पांच सीटों पर भाजपा के चार और कांग्रेस के पांचों उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं, लेकिन इन नौ में से केवल एक महिला ही कुरवाई सीट से टिकट की दौड़ में सफल हो सकी हैं। जबकि पिछले चुनाव यानी 2018 में भाजपा और कांग्रेस से जिले के पांच सीटों पर दो-दो यानी कुल चार उम्मीदवार थे।

2018 के चुनाव में 2—2 सीटों पर मौका पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गंजबासौदा से लीना जैन और शमशाबाद से राजश्री सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था। दोनों जीत गई थीं। इसी तरह कांग्रेस ने भी सिरोंज से डॉ मसर्रत शाहिद तथा शमशाबाद से ज्योत्सना यादव को उम्मीदवार बनाया था। ये दोनों पराजित हुई थीं।

इस बार चुनाव के शुरुआती दौर में ही आधी आबादी को लुभाने के लिए दोनों ही दलों ने योजनाओं और वादों की भरमार की, लेकिन टिकट की बात पर महिलाओं को उनका हक नहीं दिया गया। कांग्रेस ने पांचों प्रत्याशी घोषित कर दिए, लेकिन केवल कुरवाई से रानी अहिरवार को प्रत्याशी बनाया। वहीं भाजपा ने अब तक चार उम्मीदवार घोषित किए हैं, लेकिन किसी भी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया।

सिरोंज में अब तक कोई महिला नहीं बनी विधायक
जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं लेकिन सिरोंज एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां में अब तक कोई महिला विधायक नहीं बन सकी है। वहीं शेष चार क्षेत्रों में अब तक केवल एक-एक बार महिलाओं को जनता ने विधानसभा तक पहुंचाया है। इनमें से विदिशा में 1998 में सुशीला ठाकुर, गंजबासोदा में 2018 में लीना जैन, शमशाबाद में 2018 में राजश्री सिंह और कुरवाई में 1980 में पानबाई पंथी के नाम शामिल हैं।