ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, उन्होंने हाल ही में कहा था, ‘हम (मुस्लिम) चोरी, डकैती, रेप, लूट.. सभी अपराधों में नंबर-1 हैं। हम जेल जाने में भी नंबर-1 हैं। उनके इस बयान की खूब आलोचना हो रही है, लेकिन पहले तो वह अपने बयान पर कायम रहे। लेकिन मामला बढ़ता देख उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है। बता दें कि असम के इत्र कारोबारी और सांसद बदरुद्दीन अजमल की पार्टी मुसलमानों के बीच पकड़ रखती है। भाजपा शासित असम विधानसभा में उनकी पार्टी के 15 विधायक हैं।
मैंने पढ़ाई का महत्व समझाने के लिए ऐसा कहा- अजमला
मामला बढ़ता देख अजमल ने सफाई देते हुए कहा कि ‘मैंने दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की कमी देखी है। मुझे दुख होता है कि हमारे बच्चे पढ़ते नहीं है। वो हायर एजुकेशन के लिए नहीं जाते हैं, यहां तक कि मैट्रिक की पढ़ाई भी नहीं करते। मैंने पढ़ाई का महत्व समझाने के लिए ऐसा कहा था। बदरुद्दीन ने 20 अक्टूबर को असम के गोलापारा जिले में कॉलेज की एल्यूमनाई में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों में शिक्षा के अभाव पर चिंता जताई थी। उन्होंने मुस्लिमों में अशिक्षा को सीधे बढ़ते अपराधों से जोड़ दिया था।
साक्षरता बड़ी समस्या- अजमल
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख और सांसद अजमल ने कहा, “कम साक्षरता दर मुस्लिम समुदाय के विकास की कमी का एक बड़ा कारण है। अक्सर दोष सरकार पर मढ़ दिया जाता है। लेकिन साक्षरता को लेकर बड़ी समस्या है। वे पढ़े-लिखे नहीं हैं। शिक्षा के मामले में हम सिर्फ सरकार को दोष देते हैं, लेकिन अगर वे हमारे अल्पसंख्यक इलाके से डॉक्टर और इंजीनियर मांगते हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उन्हें नहीं दे सकते हैं। हमें इसे बढ़ाना चाहिए। हमारे युवाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। शिक्षा की कमी के कारण ही सभी बुराइयां व्याप्त हैं।”
महिलाओं का सम्मान करें लड़के
बदरुद्दीन अजमल ने कहा, कई लड़के महिलाओं को देखकर गलत व्यवहार करने लग जाते हैं, उनके लिए मेरा एक ही संदेश है कि हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। उनको याद रखना चाहिए कि उनके परिवार में महिलाएं भी हैं, अगर वे अपनी मां बहनों के बारे में सोचेंगे तो उनके मन में कभी भी गलत व्यवहार नहीं आएगा। उन्होंने आगे कहा, दरअसल हम अपनी कमियों को सरकार के मत्थे मढ़ने की कोशिश करते हैं, हम अपने अंदर झांकते ही नहीं इसलिए हमारे समाज में समस्याएं घटने की जगह बढ़ती जा रही हैं।