Saturday, October 18

क्या है हमास के हमले का क्रिप्टो कनेक्शन, आतंकी संगठनों को मजबूत तो नहीं बना रहा!

अमरीकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट का कहना है कि क्रिप्टो में कई ऐसी कमियां हैं जिनका इस्तेमाल करके आतंकी और क्रिमिनल ग्रुप फंडिंग प्राप्त कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि दुनिया में आतंकी फंडिंग में क्रिप्टोकरेंसी का हिस्सा 20% है। क्रिप्टो करेंसी जैसे फंडिंग टूल में भुगतान को ट्रैक करना मुश्किल होता है और केंद्रीय बैंकिंग के नियमों से बच निकला जा सकता है। वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान हमास और उससे जुड़े फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआइजे) समूह की ओर से नियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी खातों में 134 मिलियन डालर से अधिक ट्रांसफर हुए थे।

कहां से आया इतना धन ?एक घोषित आतंकी संगठन के रूप में हमास को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से बाहर कर दिया गया है। हमास को सीधे तौर पर कहीं से भी फंडिंग नहीं मिल सकती। ऐसे में हमास ने क्रिप्टो करेंसी से धन जुटाया। हमले से पहले के वर्षों में हमास को क्रिप्टोकरेंसी के रूप में बड़ी मात्रा में धन बिटकॉइन, स्टेबलकॉइन टेदर, डॉगकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मिला।

अधिकांश धन खाड़ी क्षेत्र में प्रवासियों या निजी दानदाताओं से आया है। अमरीकी सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन कहना है कानून निर्माताओं और नियामकों के लिए हमास से जुड़े डिजिटल वॉलेट को क्रिप्टोकरेंसी में लाखों डॉलर मिलना एक चेतावनी भी है और चुनौती भी।

क्रिप्टोकरेंसी ही क्यों?

यह एक विकेंद्रित आभासी मुद्रा है। इसमें निगरानी के लिए केंद्रीय बैंक जैसी कोई संस्था नहीं होती। भुगतान किसे किया जा रहा है, कितना किया जा रहा है या कौन कर रहा है आदि का पता लगाना मुश्किल है। इसे कोई सरकार, बैंक या संस्था नियंत्रित नहीं कर सकती। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से इसमें लेन-देन गुप्त और सुरक्षित होता है। ऐसे में इस करेंसी को कहां यूज किया गया है इसका पता लगाना मुश्किल है, इसी का फायदा आतंकी संगठन उठाते हैं।