देश की जनता बीते कुछ महीनों से महंगाई की मार झेल रही है। जून महीने में टमाटर की कीमत में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। टमाटर की कीमत को कम करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गयी थी। अब प्याज की लगातार बढ़ रही कीमत आम लोगों को महंगाई के आंसू रुला रही है। उसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि प्याज की कीमत आने वाले महीनों में परेशान कर सकता है। इस आशंका के मद्देनजर सरकार ने पहले से तैयारियां तेज कर दी है और यह सुनिश्चित करने में लगी हुई है कि किसी भी हाल में त्योहारों के मौसम में आम लोगों को प्याज के कारण महंगाई के आंसू न रोने पड़ जाएं।
क्या उपाय कर रही सरकार?
आने वाले कुछ दिनों में प्याज के भाव में कमी आए इसके लिए सरकारी कई स्तर पर प्रयास कर रही है। सरकार के आदेश पर एजेंसियां कई जगहों पर रियायती भाव में लोगों को प्याज उपलब्ध करा रही हैं। अब इस बारे में ऐसे नए अपडेट सामने आए हैं, जो आपको इस बात को लेकर आश्वस्त कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में प्याज के भाव और नहीं बढ़ेगा।
सरकार एक ओर घरेलू स्तर पर प्याज खरीद रही है, दूसरी ओर प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा दी गई है।भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) ने आज बताया कि “पिछले चार दिनों में किसानों से 2,826 टन प्याज की सीधी खरीद की गई है। यह खरीद 2,410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुई है।”
निर्यात बंद
अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में सरकार किसी भी हाल में यह नहीं चाहेगी की विपक्ष प्याज की बढ़ती हुई कीमत को मुद्दा बनाए। इसी लिए सरकार हर हाल में कीमत कम करने में लगी हुई है। इसी मद्देनजर सरकार ने प्याज के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य तीन लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया है।
घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्यात पर पूर्ण पाबंदियां लगा दी है। निर्यात रोके जाने से किसानों की मेहनत बर्बाद ना हो, इसके लिए सरकार बड़े पैमाने पर प्याज खरीद रही हैं। NCCF को किसानों से एक लाख टन प्याज खरीदने के लिए कहा गया है। जिस तरह का प्रयास अभी सरकार कर रही है उससे लोग आश्वस्त हो सकते हैं कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में कमी आएगी।