मध्यप्रदेश में एटीएस ने 82 लाख के इनामी नक्सली को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। एटीएस को नक्सलियों के सीनियर कैडर के आने की इंफारमेशन मिली थी। इसके बाद एटीएस ने तत्काल पड़ताल शुरू की। इसके बाद एटीएस ने 82 लाख के इनामी नक्सली 62 साल का अशोक रेड्डी उर्फ बलदेव और उसकी 43 साल की पत्नी रैमती उर्फ कुमारी पोटाई को जबलपुर से गिरफ्तार किया है। यह दोनों ही एक निजी अस्पताल से गिरफ्तार किए गए हैं। बलदेल गोलकुंडा तेलंगाना का रहने वाला है और उसकी पत्नी नारायणपुर छत्तीसगढ़ की रहने वाली है।
अशोक रेड्डी उर्फ बलदेव प्रतिबंधित संगठन माओवादी सीपीआई (maoist) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य है। रेड्डी पर तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, बलवा, पुलिस पर हमला, अपहरण, लूट, आगजनी समेत विस्पोटक अधिनियम, आर्म्स एक्ट और यूए (पी) एक्ट से संबंधित 60 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं। सीपीआई माओवादी की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का मेंबर होने के कारण रेड्डी पर चारों राज्यों ने मिलकर 82 लाख का ईनाम घोषित किया था। अशोक रेड्डी की उसकी पत्नी रैमती उर्फ कुमारी पोटाई उत्तर बस्तर क्षेत्र में प्रेस का कार्य जैसे माओवादी साहित्य, पंपलेट, प्रेस विज्ञप्ति आदि छपवाने के काम में सक्रिय थी। इनके मंडला-जबलपुर क्षेत्र में आने का इनपुट एटीएस को मिला था, इसके बाद सक्रिय हुई एटीएस ने इन्हें पकड़ लिया।
हथियार भी बरामद
आरोपियों के पास कारतूस से भरी एक पिस्तौल, तीन लाख रुपए नकद और प्रतिबंधित संगठन का साहित्य बरामद किया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर थाना एटीएस भोपाल में धारा 419 भारतीय दंड विधान, धारा 20 विधि विरुद्ध क्रिया कलाप (निवारण) अधिनियम एवं धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। एटीएस अब मामले की विवेचना में जुट गई है। आरोपियों ने मध्यप्रदेश में भी नेटवर्क बना लिया था, जिसकी पड़ताल की जा रही है। एटीएस दोनों को लेकर भोपाल के लिए रवाना हो गई है।
नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने की नीति
इधर, मंगलवार को ही शिवराज कैबिनेट में नक्सलियों के लिए नई योजना लागू कर दी गई। इस तरह की योजना पहले से तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश में थी। नक्सली गतिविधि में यदि कोई व्यक्ति गुमराह होकर गया है तो उसे वापस लाकर सरकार पूरी मदद करेगी। कोई नक्सली आत्म समर्पण करता है तो उसे घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए दिए जाएंगे। हथियार के साथ सरेंडर करेगा तो 10 हजार से 40 हजार रुपए और विवाह के लिए 50 हजार रुपए मिलेंगे। तत्कालिक आवश्यकता पूर्ति के लिए 5 लाख अथवा पुलिस की ओर से घोषित इनामी राशि दी जाएगी। अचल संपत्ति के लिए 20 लाख, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख रुपए भी दिए जाएंगे। आत्म समर्पण करने वाले नक्सली को केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना सहित खाद्यान्न योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा। वहीं दूसरे नक्सली का एनकाउंटर कराने वाले को पुलिस आरक्षक की नौकरी भी मिलेगी। नक्सली गतिविधि में आमजन की मौत होने पर परिवार को 15 लाख रुपए की राशि और सरकारी नौकरी मिलेगी।