ECI ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो गुटों को पार्टी के नाम और आधिकारिक चिह्न से जुड़े नोटिस का जवाब देने के लिए 3 और हफ्ते का समय दिया है। शरद गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 4 सप्ताह का समय मांगा था। उसके बाद अब दोनों गुटों को 8 सितंबर तक चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देना पड़ेगा। बता दें कि पिछले महीने 27 जुलाई को पोल पैनल ने अजित पवार और शरद पवार के गुटों को नोटिस भेजा था। इस पर जवाब देने के लिए उनके पास 17 अगस्त यानी कल तक ही समय था। वहीं अजित पवार गुट पहले ही अपना जवाब जमा कर चुका है।
अजित गुट का दावा, असली NCP वही हैं
बता दें कि अजित गुट ने 30 जून को ही चुनाव आयोग को बता दिया था कि पार्टी के नेताओं में एनसीपी का प्रमुख बदल दिया है और इस पद पर अजित पवार को नियुक्त किया गया है। इसके बाद अजित गुट ने ये भी दावा किया था कि असली NCP वही हैं। इसलिए अजित गुट ने EC में NCP और चुनाव चिह्न पर दावा करने संबंधी याचिका दाखिल की थी।
अजित के नेतृत्व वाले गुट ने कहा था कि चुनाव आयोग को एक हलफनामे के जरिए सूचित किया गया है कि उन्हें 30 जून 2023 को एनसीपी के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किए हुए प्रस्ताव के माध्यम से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। इस प्रस्ताव पर विधायी और संगठनात्मक दोनों विंग के सदस्यों के हस्ताक्षर थे।
2 जुलाई को भतीजे ने की थी बगावत
काफी दिनों से ये अटकलें चल रहीं थी कि अजित पवार की नजदीकी एकबार फिर बीजेपी से बढ़ रही है। इन अटकलों के बाजार को अजित पवार और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के बीच की मुलाकात गर्म कर रही थी। क्योंकि दोनों एक बार तीन दिन के लिए पहले भी साथ में सरकार बना चुके थे।
इस बार भी कुछ ऐसा हीं हुआ NCP नेता अजित पवार अपने साथ पार्टी के करीब दो-तिहाई विधायक को ले आये और महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। 2 जुलाई को पवार के साथ छगन भुजबल सहित 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से लगभग सभी के ऊपर भ्रष्टाचार के केस चल रहे हैं।
शपथ के बाद अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि उन्हें NCP के सभी लोगों का आशीर्वाद मिला हुआ है। इसके बाद एनसीपी दो भागों में बंट गई। कुछ विधायक अभी भी चाचा शरद के गुट में हैं तो ज्यादा संख्या में विधायक भतीजे अजित की गुट में। अब 8 सितंबर को ही पता चलेगा कि आखिर एनसीपी का असली बॉस कौन है?