Saturday, October 18

विपक्ष के वार पर आज पलटवार करेंगे प्रधानमंत्री, अविश्वास प्रस्ताव पर शाम 4 बजे देंगे जवाब

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आज 9 साल के अंदर दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री आज विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे। लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को यह जानकारी दी। वैसे बता दें कि इस अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार को किसी भी तरह का खतरा नहीं हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी नीत NDA के पास बहुमत से ज्यादा वोट है खुद भाजपा के पास 303 सांसद है, जबकि बहुमत के लिए 272 सांसदों की ही जरूरत होती है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दी जानकारी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को संसद की कार्यवाही स्थगित होने से पहले लोकसभा में ये जानकारी दी। उन्होंने निचले सदन को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए 10 अगस्त को लोकसभा में मौजूद रहेंगे।

मणिपुर के मुद्दे को लेकर विपक्ष लाया अविश्वास प्रस्ताव
मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि, इसके पास भी सरकार ने विधेयक रखना बंद नहीं किया और संसद में विधेयक रखती गई और बिल पास होते गए। हालांकि नियम ये कहता है कि अगर एक बार संसद ने अविश्वास प्रस्ताव मंजूर कर लिया तो पहले सरकार को बहुमत सिद्ध करना पड़ता है। उसके बाद ही कोई दूसरा काम हो सकता है। हां लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर कब वोटिंग होगा इसका अधिकार लोकसभा स्पीकर के पास होगा।

कौन ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव?
संविधान में उल्लेखित नियमों के मुताबिक लोकसभा का कोई भी सांसद, जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन है, किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। इसके बाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है। प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसद सरकार की कमियों को उजागर करते हैं, और ट्रेजरी बेंच उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हैं। अंततः, मतदान होता है और यदि प्रस्ताव सफल होता है, तो सरकार को कार्यालय खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अब तक अविश्वास प्रस्ताव के कारण दो बार सरकारें गिर चुकी हैं।

दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव करेंगे प्रधानमंत्री
बता दें कि अपने 9 साल के कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी की सरकार दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने जा रही है। इससे पहले प्रस्ताव आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देने को लेकर 2018 में पेश किया गया था जो बाद में हार गया था

लोकसभा में कौन किस पर भारी?
2019 के आम चुनावों में भाजपा नीत गठबंधन को लोकसभा को प्रचंड बहुमत मिला था। NDA को लोकसभा की कुल 543 में से 331 सीटों पर जीत मिली थी। खुद भाजपा 303 सीट जीतने में कामयाब रही थी। वहीं लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सांसदों की ही जरूरत होती है, जबकि विपक्षी गुट इंडिया की संयुक्त ताकत 144 है। निचले सदन में गैर-गठबंधन दलों के सांसदों की संख्या 70 है।

पीएम के ‘मौन व्रत’ को तोड़ने के लिए प्रस्ताव लाना पड़ा- कांग्रेस
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 8 अगस्त और 9 अगस्त को हो चुकी है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को प्रस्ताव पर बहस शुरू की जो बाद में विपक्ष और केंद्र के बीच तीखी बहस में बदल गई। गोगोई ने सदन में बोलते हुए कहा कि विपक्ष को पीएम के ‘मौन व्रत’ को तोड़ने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा और उन्होंने पीएम से तीन सवाल भी पूछे।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से पूछे तीन सवाल-
प्रधानमंत्री अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए?
अपनी सांसदी वापस मिलने के बाद बुधवार को संसद पहुंचे राहुल गांधी ने जब सदन में बोलना शुरू किया तो उन्होंने सरकार पर सवालों और आरोपों की लड़ी लगा दी। लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए तीन सवाल पूछे। पहला सवाल ये था कि प्रधानमंत्री अभी तक मणिपुर क्यों नहीं गए?” विपक्षी दलों के सांसद, वहां गए; केंद्रीय गृह मंत्री वहां गए और गृह राज्य मंत्री भी गए, लेकिन देश के पीएम होने के नाते मोदी राज्य में क्यों नहीं गए?

प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे?
कांग्रेस ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी को मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लग गए? जब वो बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड ही बोलेय़ उसके बाद भी मोदी जी की ओर से कोई सहानुभूतिपूर्ण शब्द नहीं आया और न ही उन्होंने वहां शांति की अपील की। मंत्री कह रहे हैं ‘हम मुद्दे पर बोलेंगे’; उन्हें ऐसा करना चाहिए, और किसी ने उन्हें बोलने से नहीं रोका, लेकिन मंत्रियों की बातें उतनी महत्व नहीं रखतीं जितनी मोदी जी की बातें रखती हैं। गोगोई ने कहा, ”अगर मोदी शांति के लिए पहल करते हैं, तो यह कदम एक मजबूत कदम माना जाएगा जो कोई भी मंत्री नहीं कर सकता।”

मणिपुर के CM को अब तक बर्खास्त क्यों नहीं किया?
तीसरा सवाल – पीएम ने अभी तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया जब आपको गुजरात में राजनीति करनी थी तो आपने सीएम बदला और वो भी दो बार. जब उत्तराखंड में चुनाव हुए तो आपने कई बार सीएम बदले। जब त्रिपुरा में चुनाव करीब आ रहे थे तो आपने वहां भी सीएम बदल दिया. गोगोई ने मंगलवार को कहा, तो आप मणिपुर के सीएम को आशीर्वाद क्यों दे रहे हैं जिन्होंने खुद कबूल किया है कि उनकी वजह से खुफिया विफलता हुई थी।