Saturday, October 18

अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी का जोरदार भाषण, कहा- आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाहता हूं

मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई है। जिसके बाद बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। अविश्वास प्रस्ताव पर दूसरे दिन के बहस के दौरान वायनाड सांसद राहुल गांधी ने दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से बोलना शुरू किया। अपने बहस के दौरान राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के साथ-साथ देश के अन्य मुद्दों पर सरकार को जमकर लताड़ लगाई। राहुल गांधी की संसद सदस्यता 137 दिन बाद बहाल हुई है। ऐसे में उन्हें संसद में सुनने के लिए कांग्रेस के साथ-साथ अन्य दलों के सांसदों में भी उत्साह देखा गया। आइए जानते हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान क्या कुछ कहा-

अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने क्या कुछ कहा
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, स्पीकर महोदय मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं। मैंने पिछली बार अडानी के मुद्दे पर जोर से बोला था। उससे सीनियर नेता को कष्ट हुआ। लेकिन आपको अब डरने की जरूरत नहीं है। आज मेरा भाषण अडानी पर नहीं बोलने जा रहा है। आप रिलेक्स कर सकते हैं। मेरा भाषण आज दूसरी दिशा में जा रहा है।

रूमी को कोट करते हुए राहुल गांधी ने कहा रूमी ने कहा था- जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। एक दो गोले जरूर मारूंगा, लेकिन इतने नहीं मारूंगा। आप लोग रिलेक्स कर सकते हैं।

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि तब बहुत सारे लोगों ने पूछा कि तुम क्यों चल रहे हो? तुम्हारा मकसद क्या है? शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैं क्यों यात्रा कर रहा हूं। मैं लोगों को जानना चाहता था, उन्हें समझना चाहता था।

थोड़ी देर में मुझे बात समझ आने लगी। जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार, जिस चीज के लिए मोदी की जेलों में जाने के लिए तैयार। जिस चीज को मैंने हर रोज गाली खाई। उस चीज को समझना चाहता था. ये है क्या? जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे समझना चाहता था।

राहुल ने आगे कहा, हर रोज मैं 8-10 किलोमीटर चलता था। तो सोचता था कि मैं 20-25 किलोमीटर चल सकता हूं। मुझे अहंकार था। लेकिन भारत अहंकार को सेकेंड में मिटा देता है। दो तीन दिन में ही मेरे घुटनों में इतना दर्द हुआ कि मेरा अहंकार निकल गया। मेरा अहंकार भेड़िया से चीटी बन गया।

राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझसे एक किसान मिले। उन्होंने रूई देकर कहा राहुल जी मेरे फसल का बस यही बचा है। इसपर मैंने उनसे कहा कि आपको बीमा का पैसा नहीं मिला। उनसे कहा नहीं मुझे बीमा का पैसा नहीं मिला। राहुल ने कहा कि भारत के पूंजीपतियों ने बीमा का पैसा ले लिया। तब उस किसान का दर्द, चोट, तकलीफ मेरा दर्द बन गया। फिर मुझे कुछ सुनाई नहीं देता था मुझे केवल उस किसान की बातें सुनाई देती थी।
राहुल ने आगे कहा कि भाइयो-बहनों लोग कहता है कि ये देश एक आवाज है, ये देश इस देश के लोगों की आवाज है। इस देश के लोगों का दुख, दर्द है। यदि हमें इन लोगों को दर्द सुनना है तो हमें अपने अंहकार को परे करना होगा। अहंकार को छोड़े बिना हम भारत की दर्द को नहीं सुन सकते। राहुल ने कहा कि अब आप सोच रहे होंगे कि ये बातें मैंने क्यों कही।