Sunday, October 19

विदिशा में आई फ्लू ने बरपाया कहर, खत्म हो गए ड्रॉप, 15 हजार डोज की जरूरत

विदिशा. एमपी में आई फ्लू ने कहर बरपा दिया है। विदिशा जिले में तो आई फ्लू अब घर-घर में ही नहीं, जेल में भी दस्तक दे चुका है। घर में एक सदस्य को आई फ्लू होने पर अन्य सदस्य भी संक्रमित हो रहे हैं। जेल में भी कैदी इसकी चपेट में आ गए हैं। इससे मरीजों की संख्या भी हर दिन बढ़ रहीे है। अकेले जिला अस्पताल में इसके हर दिन औसतन 200 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। हाल ये है कि दुकानों पर ड्रॉप खत्म हो रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज व निजी अस्पतालों में भी इससे ग्रसित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे आई ड्रॉप की मांग बढ़ गई, लेकिन मांग के अनुरूप पूर्ति नहीं हो पा रही। सीएमएचओ कार्यालय ने भी 15 हजार आई ड्रॉप की डिमांड भेजी है। एक दो दिन में ड्रॉप आने की उम्मीद जताई गई है।

जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले आठ दिनों से आई फ्लू के मरीजों की संख्या अधिक बढ़ी है। सोमवार को यह संख्या 275 तक पहुंच गई थी। अन्य दिनों में भी हर दिन 200 से अधिक मरीज आंखों के आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास 15 हजार आई ड्रॉप उपलब्ध थे, जिन्हें सभी शासकीय अस्पतालों में पहुंचाया गया है। अभी जिला स्वास्थ्य विभाग के पास 3000 ड्रॉप उपलब्ध हैं। जबकि 15 हजार ड्रॉप की डिमांड की गई है। एक-दो दिन में यह ड्रॉप उपलब्ध हो जाएंगे।

विदिशा के सीएमएचओ डॉ. योगेश तिवारी ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त ड्राप व आवश्यक दवाएं पहुंचाई जा चुकी हैं। अभी स्वास्थ्य विभाग के पास 3000 ड्रॉप उपलब्ध है और 15000 ड्रॉप की ओर डिमांड भेजी है जो जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है।

दुकानों में भी ड्रॉप की कमी
बीमारी बढ़ने से आई ड्रॉप की मांग तेजी से बढ़ी है जिससे दवा दुकानों में भी ड्रॉप की कमी महसूस की जा रही है। दवा विक्रेता पंकज अग्रवाल के मुताबिक एक साथ मांग बढ़ने से कंपनियां दवा की पूर्ति नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह में शहर की करीब 230 दुकानों में औसतन 100 ड्रॉप के मान से 23 हजार ड्रॉप का विक्रय हो चुका है। ऐसी कोई पूर्व संभावना नहीं थी, अचानक डमांड बढ़ने से कंपनियां भी दुकानों की डिमांड पूरी नहीं कर पा रही हैं।

कैदी भी आई फ्लू से पीड़ित
जेल में आई फ्लू की सूचना पर सिविल सर्जन शिरीष रघुवंशी सहित नेत्र विशेषज्ञ एके उपध्याय एवं अस्पताल की टीम जेल पहुंची और कैदियों का परीक्षण किया। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि इस दौरान करीब 60 कैदियों का परीक्षण किया जिसमें 20 कैदी आई फ्लू से पीड़ित पाए गए।

बचाव के लिए यह रखें सावधानियां
जिला अस्पताल में नेत्र चिकित्सक डॉ. आरके साहू ने बताया कि आई फ्लू हो तो आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। बार-बार आंख धोएं। चश्मा लगाकर रखें ताकि आंखों को हवा और धूप से बचाव हो सके आंखों में खिचाव से दर्द न हो। आंखों में समय-समय पर ड्रॉप डालते रहे। अपने तौलिए, रुमाल व उपयोगी अन्य वस्तुएं अलग रखें। उन्होंने कहा कि आंखों से आंखों को देखने से आई फ्लू नहीं फैलता बल्कि मरीज से संपर्क उसे छूने व उसकी उपयोग की वस्तु को छूने से फैलता है।