विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। 15 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में सदन की पांच बैठकें होने वाली हैं। यह विधानसभा सत्र 15वीं विधानसभा का आखिरी सत्र है। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह के बताया कि विधानसभा सचिवालय को विधायकों के कुल 1642 लिखित सवाल प्राप्त हुए हैं। इधर विधानसभा शुरू होने के साथ ही हंगामा भी शुरू हो गया। दिवंगत जनों को श्रद्धांजलि देने के बाद शुरू हुए हंगामे में 10 मिनट के लिए सदन स्थगित करना पड़ी। इसके बाद भी हंगामा नहीं रुका तो सदन को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सभी मुद्दों को छोड़कर सिर्फ सीधी पेशाब कांड पर ही चर्चा करना चाहता था।
सदन कल तक के लिए स्थगितइसके बाद विपक्ष की ओर से जमकर नारेबाजी होने लगी। इस पर विजय चौरे ने कहा कि मेरी विधानसभा में 12 साल की आदिवासी बच्ची के साथ रेप हुआ है। हंगामा बढ़ने लगा और विपक्षी दल पेशाब कांड पर चर्चा करने पर अड़ गए। कई कांग्रेस नेताओं ने वाकआउट कर दिया। कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सभी कार्यवाही रोककर आदिवासी अत्याचार के मामले पर चर्चा होनी चाहिए। हंगामा बढ़ने लगा तो सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आसंदी सरकार के आगे नतमस्तक10 मिनट बाद दोबारा शुरू हुए सत्र में कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार पेशाब कांड पर चर्चा नहीं करना चाहती है। सज्जन संह वर्मा ने कहा कि मुझे लगता है कि चेंबर में फैसला हो गया होगा। आदिवासी भाई-बहनों पर, आसंदी सरकार के आगे नतमस्तक है।
12.45 pm
सदन में गूंजा सीधी पेशाब कांड
मध्यप्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाब कांड का मामला भी विपक्ष ने उठाया। नेताप्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि यह शर्मनाक घटना है, जिसने मध्यप्रदेश की पूरे देश में बदनामी की। शून्य काल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि इस घटना से सभी आहत हैं। इस पर कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऐसे 90 फीसदी मामले सामने नहीं आ पाते। यह केंद्र के आंकड़े कह रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री आप बड़े विद्वान हैं, मैं आपसे असत्य बोलने की उम्मीद नहीं कर सकता। सदन में हंगामा होने पर कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
11.20 AM
दिवंगत नेताओं और इंदौर बावड़ी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि
मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। पूर्व विधायक रमेश शर्मा और मधुकर हर्णे का कुछ समय पहले निधन हो गया था। इसके अलावा हाल ही में एमपी की पहली मुख्य सचिव रही निर्मला बुच, पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिय़ा और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को भी श्रद्धांजलि दी गई। इसी दौरान 30 मार्च को इंदौर के बेलेश्वर मंदिर की बावडी धंसने की हृदय विदारक घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
11.05 AM
विधानसभा के स्पीकर गिरीश गौतम के आसंदी पर बैठने से पहले कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने आदिवासियों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अध्यक्ष महोदय ने कहा है कि वंदेमातरण हो जाने दीजिए। मिश्रा ने आगे कहा कि इन लोगों ने वंदे मातरम का अपमान किया है। मैं निंदा करता हूं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा बोले- संसदीय कार्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं, वंदे मातरम शुरू ही नहीं हो पाया था। इस दौरान हंगामा होने लगा और विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की परंपरा में यह नहीं है कि वंदे मातरम के बगैर कार्यवाही शुरू हो जाए। यह दुखद है।
10.50 AM
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विपक्ष की ओर से महंगाई के मुद्दे पर किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर कहा कि यह मौसमी महंगाई है। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। सिर्फ एमपी में महंगाई नहीं है, राजस्थान में तो कांग्रेस की सरकार है, वहां क्या फ्री मिल रहा है। इधर, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि क्या कांग्रेस के कार्यकाल में सब्जी के भाव नहीं बढ़ते। पहले महंगाई को लेकर सरकार गिर जाया करती थी। यह आदिकाल से होता चला आ रहा है।
10.45 AM
कांग्रेस विधायक हंगामा करने के मूड में है। रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा अपने गले में मिर्ची, टमाटर सहित सब्जी की माला पहनकर पहुंची। कल्पना सभी के आकर्षण का केंद्र बन गई थीं।
10.35 AM
विधानसभा परिसर में भी अलग नजारा देखने को मिल रहा है। यहां कई विपक्षी विधायक प्रदर्शन कर रहे हैं। मप्र के अलग-अलग इलाकों से आदिवासियों और दलितों के साथ हुई मारपीट और उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। सदन के भीतर भी हंगामे के आसार।
10.30 AM
भाजपा और कांग्रेस विधायकों के विधानसभा परिसर में पहुंचने का सिलसिला शुरू।
कमलनाथ की रणनीति
मध्यप्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम कमलनाथ के निवास पर होने वाली बैठक में रणनीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसमें सभी विधायक मौजूद रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष की तरफ से सभी विधायकों को पत्र भी भेज दिया गया है।