पीएम नरेंद्र मोदी की अमरीकी यात्रा से पहले जो बाइडन सरकार ने ग्रीन कार्ड को लेकर कुछ शर्तों में ढील देने का फैसला लिया है। अमरीकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा (यूएससीआइएस) ने ग्रीन कार्ड पात्रता से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की हैं। गाइडलाइन में आपात परिस्थितियों के दौरान इम्प्लॉयमेंट अथॉरिटी डॉक्यूमेंट (ईएडी) के लिए नए और रिन्यूअल आवेदन के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे अमरीका में काम करने और रहने के लिए ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय आइटी पेशेवरों को राहत मिलेगी। इससे वीजा बैकलॉग या नौकरी जाने की स्थिति में अमरीका में फंसे भारतीयों के लिए ईएडी के लिए आवेदन का मौका मिल सकेगा।
1. आवेदक को फॉर्म आइ-140 का मुख्य सत्यापित लाभार्थी होना चाहिए।
2. ईएडी के लिए फॉर्म आई-765 भरते समय आवेदक के पास ई-3, एच-1बी, एच-1बी1, ओ-1 या एल-1 के अंतर्गत वैध गैर प्रवासी स्टेटस या अधिकृत ग्रेस पीरियड होना चाहिए। साथ ही आवेदक ने एडजस्टमेंट स्टेटस के लिए आवेदन नहीं किया हो।
3. आवेदक और आवेदक पर निर्भर लोगों को अपने बायोमीट्रिक उपलब्ध कराने होंगे
4. आवेदक या उसके आश्रितों को किसी गुंडागर्दी या अन्य किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो।
साक्ष्यों से पुष्ट आवेदन के आधार पर ही यूएससीआइएस यह निर्धारित करता है कि एम्प्लॉयमेंट अथॉराइजेशन डॉक्यूमेंट लिए बाध्यकारी परिस्थितियां मौजूद हैं या नहीं।
अमरीका में रहने वाले कई भारतीय पेशेवर लंबे समय से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। ग्रीन कार्ड एक ऐसा दस्तावेज होता है, जो सबूत होता है कि कोई भी व्यक्ति अमरीका का स्थायी निवासी है। लेकिन यह आसानी से नहीं मिलता। कोटा होने के कारण इसके लिए लंबी लाइन होती है।
आप्रवासन कानून के तहत हर साल लगभग 1,40,000 रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड जारी करने का प्रावधान है। लेकिन इसमें से किसी एक देश के लिए 7 प्रतिशत वीजा ही एक साल में जारी किए जा सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, अमरीका में प्रवासी कुल वर्कफोर्स का 17 फीसदी हैं और इसमें भी 4.4 प्रतिशत कामगर ऐसे हैं जिनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं होते।