Tuesday, September 23

मध्यप्रदेश के बड़े व्यापारियों पर आयकर का छापा, पांच शहरों में दबिश

बुधवार सुबह मध्यप्रदेश के एक बड़े कोयला व्यापारी के कई ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी है। शहडोल सहित मध्यप्रदेश के पांच शहरों के ठिकानों पर अलग-अलग टीम दस्तावेज खंगालने में जुटी हुई है। व्यापारियों और उनके परिवार के सदस्यों को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

शहडोल जिले के बुढ़ार क्षेत्र के धनपुरी वार्ड नंबर-1 में रहने वाले कोयला व्यापारी केशर सिंह छाबड़ा और बीपीएस छाबड़ा (सन्नी) के कई बंगलों पर बुधवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी। शहडोल के अलावा जबलपुर, भोपाल और इंदौर की टीम ने सभी स्थानों पर दबिश दी है। इसके अलावा सतना और कटनी में भी व्यापारियों के घरों और दफ्तर पर आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी है।

शहडोल से मिले समाचारों के मुताबिक बुढ़ार में केशर सिंह छाबड़ा के घर 20 सदस्यों की एक टीम दस्तावेज खंगाल रही है। टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए आयकर विभाग की टीम जुटी हुई है। केशर सिंह और उनके सहयोगियों की घरों पर पुलिस की टीम भी मौजूद है। किसी को भी घर के भीतर और भीतर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

सतना में भी दबिश

सतना से खबर है कि यहां कई ट्रांसपोर्ट व्यापार और प्रापर्टी डीलर्स के घर और दफ्तरों पर आयकर विभाग की टीम पहुंची है। सुबह 5 बजे इनकम टैक्स की टीम इनके घरों में घुसी थी। सतना जिले में बड़े ट्रांसपोर्टर मोतीलाल गोयल के प्रभात विहार स्थित घर और आफिस में छापा पड़ा। भरत नगर स्थित कर सलाहकार के घर पर आयकर की टीम ने दबिश दी। मोतीलाल गोयल उनके मैनेजर राजेश और, चार्टर्ड एकाउंटेंट डागा के घर और दफ्तर में जांच चल रही है।

छाबड़ा के पार्टनर पर भी दबिश

कोयला कारोबारी मोतीलाल गोयल के घर, एकाउंटेंट राजेश गुप्ता के निवास, कर सलाहकार नितिन और पंकज डागा के मकान और दफ्तर पर टीम पहुंची है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाग की टीम दस्तावेज जुटाने में लगी है। बताया जा रहा है कि केसर सिंह छाबड़ा और मोतीलाल गोयल व्यापारिक पार्टनर हैं। सतना में मोतीलाल गोयल के कोयला के साथ-साथ प्रॉपर्टी डीलिंग और ट्रांसपोर्ट का बड़ा कारोबार है। इसके अलावा उनके एकाउंटेंट राजेश गुप्ता पूरा करोबार का हिसाब-किताब देखते हैं। जबकि नितिन और पंकज डांगा निजी बालाजी बैक चलाते है। साथ ही मोतीलाल के कर सलाहकार और व्यापारिक संबंध है। इनके ठिकानों पर दोपहर तक दस्तावेजों की पड़ताल जारी थी।