Saturday, October 18

प्रधानमंत्री आवास योजना का 72 करोड़ का प्रोजेक्ट 6 वर्ष में भी अधूरा

विदिशा। नगरपालिका द्वारा यहां मुक्तिधाम के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चल रहा आवासों का कार्य छह वर्ष बाद भी अधूरा है। इस आवास योजना के तहत यहां 864 भवनाें का निर्माण कार्य जारी है। इस योजना का उद्देश्य आवासहीनों को उनके घर का सपना पूरा किया जाना था तो वहीं जरूरतमंदों को नीलाम प्रक्रिया के तहत यह भवन उपलब्ध कराए जाने थे। यह पूरा प्रोजेक्ट 72 करोड़ का था और 2018 में यह कार्य पूरा कर लिया जाना था, लेकिन पांच वर्ष बाद भी अ धिकांश भवन अधूरे हैं और जो तैयार भी किए तो वे मूलभूत सुविधाओं की कमी से हितग्राहियों के सपने को पूरा करते नहीं दिख रहे हैं। भवनों के निर्माण एवं जरूरी सुविधाएं उपलब्ध न कराने की िस्थति में अब नपा ठेकेदार को टर्मिनेट करने की तैयारी कर रही है।
मालूम हो कि वर्ष 2016 में इन आवासों का काम शुरू हुआ था। इसके लिए 648 आवासहीनों के लिए ईडब्युएस आवास बनाकर दिए जाने हैं। इन हितग्राहियों का चयन पहले ही कर लिया गया था। इनमें प्रति आवास 6 लाख 50 हजार की लागत के हैं। इसमें गरीब आवासहीन हितग्राहियों को नपा को 2 0 हजार रुपए नकद जमा करना है और शेष रा शि 1 लाख 80 हजार बैंक लोन के रूप में नपा इन्हें बैंक से ऋण दिलाएगी। इस तरह पात्र हितग्राहियों को सिर्फ 2 लाख रुपए में यह भवन उपलब्ध कराया जाना है, लेकिन अभी अ धिकांश भवन अधूरे हैं नपा अब तक यह आवास सिर्फ 84 लोगों को दे पाई लेकिन बिजली, पानी, सड़क , नाली आदि मूलभूत सुविधाएं न मिलने से इनमें अ धिकांश हितग्राही इनमें नहीं रह पा रहे। बैंक से ऋण लेकर नपा को इन भवनों की रा शि चुकाई और सुविधाएं नहीं मिलने से अब बैंक की किस्त भी भर रहे और किराये से भी रहने को मजबूर बने हुए हैं और जो रह रहे वे बुनियादी सुविधाओं के लिए जब तब प्रदर्शन कर रहे पर सुविधाएं मिल पाने की उम्मीद दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। जबकि इन 648 आवासों से नपा 10 करोड़ रुपए से अ धिक रा शि मिलने की उम्मीद लगा रही थी।

ऐसा ही हाल 216 एलआईजी आवासों का
कुछ ऐसा ही हाल 246 एलआईजी आवासों का है। यह आवास नीलाम प्रक्रिया के जरिए विक्रय किए जाने हैं। इन भवनों की कीमत शुरूआत में 12 हजार 70 लाख रुपए तय की गई थी, पूर्व में करीब 7 बार नीलाम प्रक्रिया की जाती रही लेकिन इन आवासों के खरीददार सामने नहीं आए। बाद में इनकी कीमत 12 लाख 50 हजार और अब घटकर करीब 12 लाख हो चुकी फिर भी मूलभूत
आवास योजना के कार्य में करीब 46 करोड़ का भुगतान कर चुकी नपा
मिली जानकारी के अनुसार 72 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में अभी तक 70 प्रतिशत कार्य होना माना जा रहा है। इसमें करीब 50 करोड़ का कार्य हुआ और ठेकेदार को नपा 46 करोड़ का भुगतान कर चुकी है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के कार्यों की अनदेखी के कारण यह योजना अब नपा के गले की फांस बन गई। न हितग्राहियों को आवास उपलब्ध करा पा रही न ही एलआईजी आवासों का विक्रय कर पा रही। इससे नपा को इन भवनों से मिलने वाली करीब 30 करोड़ की रा शि रुकी हुई है।

अब ठेकेदार को टर्मिनेट करने की तैयारी
प्रोजेक्ट के पूरा होने में देरी एवं बुनियादी सुविधाओं के कार्य न करने पर अब नगर पालिका ठेेकेदार को टर्मिनेट करने की तैयारी में है। इसमें ठेकेदार की राशि राजसात होने के साथ ही ब्लेक लिस्टेड तक की कार्रवाई हो सकती है। इसके बाद शेष रह गए कार्य का टैंडर कर अन्य ठेेकेदार से कार्य पूरा कराया जाएगा।

प्रोजेक्ट पर एक नजर
प्रोजेक्ट -72 करोड का
कार्य शुरू हुआ-वर्ष 2016
कार्य समाप्त होना था- 2018
कुल आवास-864
गरीबों आवासहीनों के लिए आवास-648
एलआईजी-216
वर्जन-
ठेकेदार काम नहीं कर रहा है जबकि उसके द्वारा किए गए कार्य का 90 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। बार-बार कहने के बाद भी कार्य नहीं करने से उसे टर्मिनेट करने की कार्रवाई की जा रही है। उसे ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा भी शासन से की जाएगी।